सिविल लाइन कार्यालय के पीछे पीएचई कार्यालय में पीएचई के अफसरों और कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष इंजीनियर आरके रिछारिया और महामंत्री पीके नामदेव के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्यपालन अभियंता पीएस कत्लम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन पर अपनी गलती छिपाने के लिए मातहत अफसरों और कर्मचारियों से गाली गलौज और दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया। प्रांताध्यक्ष ने बताया कि ईई की प्रताडऩा के कारण कार्यालय के मुख्य लिपिक सुनील जगत द्वारा आत्महत्या करने की चेतावनी दी। प्रांताध्यक्ष ने बताया कि फरवरी में स्टाफ ग्रामीण इलाके में सर्वे कर पूरी रिपोर्ट तैयार कर खराब हैंड पंपों की मरम्मत के लिए सामग्री की मांग की लेकिन ईई ने फंड होते हुए भी न तो खराब हैंड पंप के मरम्मत के लिए सामग्री प्रदाय की और नहीं नए हैंडपंप लगवाए, जिसके कारण शासन से मिली राशि लैप्स हो गई। प्रांताध्यक्ष ने बताया कि गामीण इलाकों में लगभग 13500 हैंडपंप हैं, जिनमें से लगभग 50 फीसदी हैंडपंप बंद पड़े हैं। ईई अब अपनी गलती छिपाने के लिए मातहत अफसरों और कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए उच्चाधिकारियों को रिपोर्टिंग कर रहे हैं जिसको लेकर तनाव की स्थिति है। जबकि उनकी लापरवाही के कारण शासन से मिला लगभग 1 करोड़ का फंड लेप्स हो गया।
इस बात की जानकारी होने पर संगठन के पदाधिकारियों ने आयुक्त पीएचई को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए ईई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं तनाव में आकर गलत कदम उठाने का प्रयास करने वाले लिपिक ने भी पीएचई मंत्री को पत्र भेजा है मंत्रालय ने लिपिक को तलब कर पूरी जानकारी ली है। पदाधिकारियों का कहना है कि जब ईई ने जानकारी देने के बाद भी सामान मुहैया नहीं कराया तो बिना सामान के स्टाफ कैसे काम करेगा ?
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि शासन ने सस्पेंस एकाउंट में 50 लाख जारी किया था जिसमें से 16 लाख 47 हजार खर्च करने की जानकारी दी गई है। वहीं नए ट्यूबवेल कराने के लिए दिए गए फंड 154.58 लाख रुपए में से 90.07 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। 95 लाख रुपए लैप्स हुए हैं। गर्मी में ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं और शासन से मिला फंड काम न होने पर लैप्स हो गया आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। एसोसिएशन ने ईई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
आरोप गलत
दुव्र्यवहार का आरोप गलत है, इस मामले में मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। सारी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है राशि लेप्स होने जैसी कोई बात ही नहीं है।
– पीएस कतलम,कार्यपालन अभियंता पीएचई मामला मेरी जानकारी में है बैठक भी ली है। 95 नहीं लगभग 60 लाख रुपया लेप्स हुआ है। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। आचार संहिता खत्म होने के बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। बिल्हा व अन्य जिन क्षेत्रों से भी हैंडपंप बंद होने की सूचना आई है, वहां पंचायतों को 14 वें वित्त आयोग से मिली राशि से सिंगल फेस लेकर जलापूर्ति करने कहा है।
– अजय कुमार साहू, चीफ इंजीनियर पीएचई