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कानन पेंडारी के सफेद बाघ विजय की मौत सांप काटने से नहीं हार्ट अटैक से हुई

locationबिलासपुरPublished: Jun 15, 2019 10:49:27 am

Submitted by:

Murari Soni

अधिकारी कहते रहे सांप ने मारा(snake attack), इधर कैसे आया अटैक(heart attack) यह भी स्पष्ट नहीं, बाघ का (Tiger)सांप ने नहीं किया शिकार, हार्ट अटैक से हुई थी मौत(Tiger death due to snake bite )

Tiger death due to snake bite in Bilaspur Chhattisgarh

कानन पेंडारी के सफेद बाघ विजय की मौत सांप काटने से नहीं हार्ट अटैक से हुई

. मामले में अधिकारी दे रहे गोल-मोल जवाब
बिलासपुर. कानन पेंडारी मिनी जू के सफेद बाघ विजय की मौत 27 दिसम्बर को हुई थी। उस वक्त कानन प्रबंधन ने बाघ की मौत सांप के काटने से होने का दावा किया था । मौत के 96 दिन बाद जबलपुर से आई फोरेंसिक बिसरा जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बाघ की मौत दम घुटने से हुई है। कानन पेंडारी के डीएफओ संदीप बल्गा का कहना है कि पहले हमें सांप कटने की जानकारी मिली थी, लेकिन रिपोर्ट में अटैक की बात सामने आ रही है। डीएफओ का कहना है कि सांप काटने से अटैक भी हो सकता है। वहीं डाक्टर पी के चंदन ने कहा कि जबलपुर व यूपी के बरेली में बिसरा जांच के लिए भेजा गया था।
दोनों जगह से रिपोर्ट एक ही आई है। जिस समय सांप के काटने की बात कही जा रही थी उस वक्त ये सवाल उठा था कि सांप ने शरीर के किस हिस्से में काटा है। इस पर विभाग के कर्मचारी ये कह रहे थे कि शरीर पर काफी बाल हैं इसके कारण इसका पता लगाना मुश्किल है। बहरहाल वन विभाग के अधिकारियों द्वारा बाघ की मौत की रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। अफसर अभी इस मामले में गोलमोल जवाब देकर बचने की कोशिश में है।
1. कानन पेंडारी मिनी जू का सफेद बाघ विजय को 12 अक्टूबर 2008 को अजगर के बदले नेशनल जूलॉजिकल पार्क दिल्ली से लाया गया था।
2. जू में 4 सफेद टाइगर थे, इनमें से दो नर विजय व आकाश और दो मादा सिद्धि और जारा हैं। विजय की मौत 26 दिसम्बर देर रात हो गई। इसकी जानकारी जू प्रबंधन को दूसरे दिन सुबह 8.30 बजे तब हुई जब जू कीपर केजों के निरीक्षण के लिए गया। उसने विजय के शरीर में हलचल नहीं देख प्रबंधन को जानकारी दी।
इन्होने किया था दावा
0 डॉ. पीके चंदन, डॉ. सत्यप्रकाश सिन्हा और डॉ. पियूष दुबे ने मुख्य वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ पीके केशर, अधीक्षक एचबी खान अब रिटायर्ड हो गए। परिक्षेत्राधिकारी अजय शर्मा सहित अन्य की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों के मुताबिक कोबरा सांप के काटने से बाघ की मौत की पुष्टि की गई थी। सैंपल रासायनिक जांच के लिए बरेली यूपी भेजा गया।
0 बंगाल टाइगर की हुई थी मौत
बस्तर से 2002 में लाई गई आदमखोर मादा बंगाल टाइगर लावा की मौत 21 वर्ष की आयु में 2011 में हुई थी। साथ लाई गई ज्वाला की मौत 22 वर्ष की उम्र में 2012 में हुई थी। जू में 66 प्रजाति के 600 वन्य जीव हैं। सभी असुरक्षित हैं। बाउंड्री वॉल कमजोर हो गई है। बाहरी जीव अंदर आकर बीमारी फैला सकते हैं।
0 2014 में 22 चीतल मर गए थे
कानन पेंडारी मिनी जू में अब तक कई वन्य जीवों की मौत हो चुकी हैं। सभी की जांच अधूरी है। 15 जनवरी 2014 को यहां 22 चीतलों की संदिग्ध मौत हुई थी। इसके बाद 17 मई 2018 को नर तेंदुआ के हमले से मादा तेंदुआ की मौत हो गई। शुतुरमुर्ग की मौत 21 जुलाई को हुई थी।
ये हैं खामियां ….
0. कानन पेंडारी स्मॉल जू में सफेद बाघ की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हुई थी। सांप के डसने के 15 घंटे तक भी कोई उसे देखने नहीं पहुंचा था।
0. वन्यप्राणियों के साथ आकस्मिक घटना या बीमार होने पर उनके इलाज के लिए न तो वाइल्ड लाइफ के एक्सपर्ट डॉक्टर हैं और न ही बायोलॉजिस्ट।
0. जू में संरक्षित श्रेणी बाघ, शेर सहित अन्य वन्यप्राणियों को शाम 5 बजे नाइट एनक्लोजर में रखने के बाद सुबह 8 बजे तक उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। इस बीच उनकी देखरेख की कोई व्यवस्था नहीं होती।
2. सफेद बाघ विजय के साथ भी यही हुआ। जू कीपर उसे शाम को नाइट एनक्लोजर में छोड़कर गए और उसके बाद सुबह जब जू कीपर वहां पहुंचा, तो उसकी मौत हो चुकी थी। कानन के अफसर सांप काटने की कहानी को पूरे जोर से प्रचारित कर रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि बाघ को सांप ने काट लिया तो 15 घंटों के बीच उसकी देखरेख की कोई व्यवस्था क्यों नहीं थी।
पहले हमें सांप के काटने की जानकारी मिली थी, रिपोर्ट में अटैक की बात सामने आ रही है। सांप के काटने से अटैक आ सकता है।
संदीप बल्गा, डीएफओ

जबलपुर व यूपी के बरेली में बिसरा जांच के लिए भेजा गया था। दोनों जगह से रिपोर्ट एक ही आई है।
पीके चंदन, चिकित्सक
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