scriptTrains in private hands: लो अब ट्रेनों को भी दिया जायेगा ठेके पर, अभी सिर्फ दो ट्रेनों पर होगा प्रयोग | Railways will give two trains in private hands in Bilaspur zon | Patrika News

Trains in private hands: लो अब ट्रेनों को भी दिया जायेगा ठेके पर, अभी सिर्फ दो ट्रेनों पर होगा प्रयोग

locationबिलासपुरPublished: Jun 27, 2019 07:14:15 pm

Submitted by:

Murari Soni

आईआरसीटीसी को सौंपी जा सकती है जोन की दो ट्रेन(Trains in private hands), अधिकारी बोले अभी ट्रेनों के नाम तय नहीं दुरंतो, जनशताब्दी या फिर राजधानी का लग रहा कयास

This is the condition of travelers in Mumbai-Delhi and Kolkata trains.

This is the condition of travelers in Mumbai-Delhi and Kolkata trains.

बिलासपुर. एसईसीआर जोन की दो ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने(Trains in private hands) की तैयारी है। ये निजी हाथ फिलहाल रेलवे का कमाऊ पूत आईआरसीटीसी हो सकता है। अधिकारी खुलकर कुछ तो बोल नहीं रहे पर जब चर्चा निकलती है तो कई संकेत दे देते हैं। कहा कि अभी प्रायोगिक तौर पर इसे चलाने की तैयारी है। देखा जाएगा कि राजस्व को लेकर क्या परिणाम आता है।
एसईसीआर जोन की दो ट्रेनें जल्द ही प्राइवेट हाथों में जाएंगी। हलांकि इसकी अधिकृत घोषणा तो नहीं हुई है पर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ये ट्रेनें कौन सी होगी अधिकारी कुछ बोल नहीं रहे हैं पर कायास लगाया जा रहा है कि जनशताब्दी, राजधानी या फिर दुरंतो में कोई दो ट्रेन हो सकती है। रेलवे के अंदरखाने में चर्चा इस बात की भी है कि ट्रेनों के प्रायवटाइजेशन के बाद लोकोमोटिव, पहिया फैक्ट्री और कोच कारखाने की बारी आ सकती है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार रेलवे ने दोन ट्रेनों को आईआरसीटीसी को सौंपने का निर्णय लिया है।
विदित हो कि ट्रेनों को लम्बे समय से प्राइवेट हाथों में सौपने की बात सामने आती रही है। आने वाले दिनों में भारतीय रेलवे ट्रेनों के साथ ही रेल कारखाने व पहिए बनाने की फैक्टरी को भी प्राइवेटाईज करने की दिशा में काम कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि प्रायोगिक चरण में दोनों ट्रेनों को आईआरसीटीसी संचालित करेगी। रेलवे इससे यह परखेगा कि ट्रेन चलाने के दौरान रेलवे ने ट्रेनों को फायदे में चलाया है या फिर घाटे में। रेलवे की माने तो सवारी ट्रेनों से उसे लाभ केवल नामिनल ही होता है जब्कि परेशानी बहुंत ज्यादा है। प्राइवेट हाथों में ट्रेनों की कमान सौपने का सबसे बड़ा फायदा रेलवे के आय में वृद्धी के साथ ही सुविधा बढ़ाना है।
इस फायदे की दे रहे हैं दलील
अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों को निजी हाथ में सौंपने से यात्री सुविधा में बढ़ोत्तरी तो होगी ही साथ ही खाने-पीने की समाग्रियों में भी गुणवक्ता आएगी। इसके अलावा चोरी व अन्य अपराधिक वारदातों को लगाम लगने की संभावना होगी। वही ट्रेनों में स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया होने की संभावना है।
अभी सुगबुगाहट
हलांकि पूरी प्रक्रिया को कैसी पूर्ण किया जाएगा इसकी ज्यादा जानकारी अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं। उनका कहना है कि ये अभी प्रारंभिक चरण में है ऐसे में मंडल के निर्देश का इंतजार है। इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
ये तीन ट्रेनें ही क्यों
जो बात छनकर सामने आ रही है उसके अनुसार कयास है कि जनशताब्दी, दुरंतो और राजधानी के बीच से ही दो ट्रेन को निजी हाथों में सौंपा जा सकता है। तर्क यह है कि इन ट्रेनों में किराया अन्य ट्रेनों की अपेक्षा शुरू से ही ज्यादा है। ऐसे में कहा यह जाता है कि इन ट्रेनों का परिचालन क्लास बेस्ट पैसेंजर के लिए ही किया जाता है जो अधिक किराया देकर यात्रा करते हैं। ऐसे में यदि इन ट्रेनों से शुरुआत की जाती है तो ज्यादा विशेष फर्क आम लोगों को नहीं पड़ेगा।
इसके बाद इनकी बारी
भारतीय रेलवे ने ट्रेनों के साथ ही रेलवे ने आने वाले दिनों में चितरंजन लोको मोटिव वक्र्स, डीजल रेल कारखाना वाराणसी, डीजल लोको निमार्ण पटियाल, रेलवे पहिए बनाने वाली फैक्टरी बौंगलोर रेल कोच कारखाना कपूरथला को भी प्राइवटाइज्ड करने की दिशा में योजना तैयार कर रहा है।
प्राइवेटाईजेश का भारतीय एसईसीआर मजदूर संघ करेगा विरोध
रेलवे ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए कई छोटे-छोटे कार्यो को प्राइवेट हाथों में सौंप दिया। प्राइवेटाइजेशन से रेलवे के मजदूरों का काफी नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में अगर रेलवे ट्रेनों व कारखानों को भी प्राइवेट हाथों में देने काम करेगा तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। भारतीय मजदूर संघ रेलवे के ऐसी योजना की निंदा करती है। भारतीय मजदूर संघ अगर चुनाव जीतकर आता है तो सबसे पहला काम प्राइवेटाईजेश को बंद करना प्राथमिकता होगी।
निमई बेनर्जी, भारतीय मजदूर संघ
किन दो ट्ेर्नों का निजीकरण होना है(Trains in private hands) इसके लिए ट्रेनों का चयन अभी नहीं किया गया है। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर जल्द ही दो ट्रोनों को आईआरसीटीसी चलाएगी। इससे रेलवे को इंकम के साथ ही, यात्रियों को और भी अधिक बेहतर सुविधा मिलने लगेगी।
रविश कुमार, सीपीआरओ एसईसीआर

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