scriptबहन-बेटियों की सुरक्षा है महत्वपूर्ण इसलिए समय से पहले ही बनवाया घर-घर में शौचालय | Clean India Mission: Built toilets in house before time | Patrika News
बिलासपुर

बहन-बेटियों की सुरक्षा है महत्वपूर्ण इसलिए समय से पहले ही बनवाया घर-घर में शौचालय

Clean India Mission: चांदनी भारद्वाज ने स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को किया पूरा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था सम्मानित
 
 

बिलासपुरMar 08, 2020 / 11:41 am

Kajal Kiran Kashyap

बिलासपुर. बिलासपुरण् स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने का कार्य करने की जिम्मेदारी सरकार ने दी थी। लेकिन उस कार्य को पूरा करना जनप्रतिनिधियों का होता है। इस लक्ष्य को मस्तूरी क्षेत्र की चांदनी भारद्वाज ने बखूबी निभाया। लक्ष्य को कम समय में ही पूरा कर दिया। जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मानित भी किया। जिससे वे लोगों के बीच मिशाल बन गई। जब भी इस तरह के लक्ष्य को पूरा करने की बात होती है तो लोग उन्हें सबसे पहले याद कर उनका उदाहरण देते है।
चांदनी भारद्वाज ने इस कार्य को कम समय में पूरा करने का कारण बहन.बेटियों की सुरक्षा को बताया। ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। मैं खुद एक महिला हूं और महिला का दर्द महिला ही समझ सकती है। महिला होने के नाते मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई। चांदनी वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य है और सक्रिय रूप से जनता की सेवा कर रही है। उन्होंने बताया कि शौचालय बनाने का लक्ष्य किसी दबाव में पूरा नहीं किया बल्कि हर परिवार को गंदगी से दूर कर बीमारी से मुक्त करना था। साथ ही महिलाओं को खुले में शौच के दौरान होने वाली असहजता और परेशानी को देखते हुए हर घर में शौचालय बनाने का संकल्प था। इस कार्य के लिए लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें समझाना और जागरूक कर लक्ष्य को पूरा किया।
इस कार्य से मिली आत्म संतुष्टि

चांदनी ने बताया कि जब घरों में शौचालय बन गए तब बहुत सी महिलाओं ने मुझे इस कार्य के लिए धन्यवाद किया। वो भी धन्यवाद जनप्रतिनिधि के तौर पर नहीं बल्कि एक महिला होने के नाते उनकी परेशानी को समझने पर किया। उनकी खुशी से मुझे भी आत्म संतुष्टि हुई और लगा कि हां मैंने अपना फर्ज पूरा किया।
परिवार का सर्पोट महत्वपूर्ण

चांदनी ने बताया कि इस कार्य को पूरा करने में परिवार का पूरा सर्पोट रहा। मेरी सास नर्मदा देवी ने घर के काम में पूरा सहयोग कर मेरे साथ बाहर के कार्य में सर्पोट किया। वहीं पति चंद्रशेखर भारद्वाज ने भी मेरा उत्साहवर्धन कर मेरा सर्पोट किया।
17 साल से कर रही सेवा भाव से कार्य

सावित्री यादव ग्राम घोंघाडीह की निवासी है और मितानीन के तौर पर लगातार 17 वर्षों से सेवा दे रही है। उन्होंने कहा कि मितानीन कहने से लोग इसे एक छोटा पद समझते है। लेकिन यह स्वास्थ्य विभाग का सबसे छोटा पद होने के बाद भी सबसे बड़ी जिम्मेदारी के कार्य को करती है। किसी महिला को प्रसव पीड़ा हो या गर्भावस्था के दौरान कोई भी परेशानी हो। तब मितानीन ही एक ऐसी सहयोगी होती है जो उनको गांव से अस्पताल तक लाती है और बच्चे के जन्म होने तक साथ रहती है। प्रसव पीड़ा कब शुरू हो जाता है इसका कोई समय नहीं होता है। कभी दिन तो कई बार रात में अचानक से हमें जाना होता है। घर परिवार की जिम्मेदारी के साथ इस कार्य को करना कठिन है लेकिन इसे निभाती हूं। जब बच्चे का जन्म होने वाला होता है तो महिलाएं घबराती है लेकिन ऐसे समय में उन्हें सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करना जरूरी होता है। यह कार्य मैं सेवा भाव से करती हूं।
0 लेखन के लिए समर्पित किया जीवन

कविता लेखिका दीपा मिश्रा बतौर एक टीचर के तौर पर 15 वर्षों से कार्य कर रही थी। लेखन का शौक बचपन से ही था। जो उनके जॉब के साथ चलता रही रहा। ऐसे में लेखन में कई बाधाएं आने लगी तब दीपा मिश्रा ने लेखन के क्षेत्र को चुना और अपने जॉब को त्याग दिया। दीपा एक कविता लेखिका है साथ ही उन्होंने उपन्यास भी लिखा है। उन्होंने बताया कि आज बच्चे पुस्तकों से दूर होते जा रहे है और उन्हें इससे जोडऩे का प्रयास करना होगा। इसलिए उन्हें इस क्षेत्र से जोडऩा होगा। इस कार्य को ही करने के लिए उन्होंने नव मिथलाए नव मैथिली संस्था के माध्यम से चित्रकथा व बाल पत्रिका के क्षेत्र में कार्य करने का प्रयास किया है। इस संस्था में 80 लोग है जो उनके साथ इस क्षेत्र में कार्य कर रहे है।

Hindi News/ Bilaspur / बहन-बेटियों की सुरक्षा है महत्वपूर्ण इसलिए समय से पहले ही बनवाया घर-घर में शौचालय

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो