……………………………………read more news………………………………………………………… 518 बसें व 245 छोटे वाहन अधिग्रहीत, यहां से जांजगीर व कोरबा भी भेज रहे हैं गाडिय़ां
बिलासपुर. विधानसभा चुनाव २०१८ के लिए प्रशासन की मांग से अधिक वाहन आरटीओ ने उपलब्ध कराए हैं। रविवार दोपहर तक आरटीओ ने ५९८ बसें, २४५ छोटे वाहनों को अधिग्रहित किया। जिले की १२५ बसों को जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कोरबा और मुंगेली भेजा गया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिला निवाचन अधिकारी ने आरटीओ को चुनाव कार्य के लिए ३०४ बसें, १८० छोटे वाहनों की मांग की थी। आरटीओ ने रविवार दोपहर तक बिलासपुर में निर्वाचन के लिए ४७३ बसें और २४५ छोटे वाहन अधिग्रहीत कर जिला प्रशासन के सुुपुुर्द कर दिया। आरटीओ ने संभाग के अन्य जिलों से मांगे गए वाहनों की पूर्ति की है। जिसमें जांजगीर-चांपा जिले को २०, कोरबा को ४५, रायगढ़ को २० और मुंंगेली को २० बसें भेजी है। जिले में ७०० यात्री बसों में से ५९८ बसें अधिग्रहित कर ली गई है। लोगों को आने जाने के लिए सिर्फ १०२ बसें बची हैं। इन बसों में से अधिकांश बसें एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश के बीच चलती हैं। रविवार दोपहर बसों के अधिग्रहण के बाद बस स्टैण्ड में यात्रियों की भीड़ लगी रही। यात्री बसों और छोटे वाहनों के अधिग्रहित होने के कारण लोग घंटों बस स्टैण्ड में गंतव्य तक जाने का इंतजार करते रहे।
बिलासपुर. विधानसभा चुनाव २०१८ के लिए प्रशासन की मांग से अधिक वाहन आरटीओ ने उपलब्ध कराए हैं। रविवार दोपहर तक आरटीओ ने ५९८ बसें, २४५ छोटे वाहनों को अधिग्रहित किया। जिले की १२५ बसों को जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कोरबा और मुंगेली भेजा गया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिला निवाचन अधिकारी ने आरटीओ को चुनाव कार्य के लिए ३०४ बसें, १८० छोटे वाहनों की मांग की थी। आरटीओ ने रविवार दोपहर तक बिलासपुर में निर्वाचन के लिए ४७३ बसें और २४५ छोटे वाहन अधिग्रहीत कर जिला प्रशासन के सुुपुुर्द कर दिया। आरटीओ ने संभाग के अन्य जिलों से मांगे गए वाहनों की पूर्ति की है। जिसमें जांजगीर-चांपा जिले को २०, कोरबा को ४५, रायगढ़ को २० और मुंंगेली को २० बसें भेजी है। जिले में ७०० यात्री बसों में से ५९८ बसें अधिग्रहित कर ली गई है। लोगों को आने जाने के लिए सिर्फ १०२ बसें बची हैं। इन बसों में से अधिकांश बसें एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश के बीच चलती हैं। रविवार दोपहर बसों के अधिग्रहण के बाद बस स्टैण्ड में यात्रियों की भीड़ लगी रही। यात्री बसों और छोटे वाहनों के अधिग्रहित होने के कारण लोग घंटों बस स्टैण्ड में गंतव्य तक जाने का इंतजार करते रहे।