बिलासपुर. कोरबा, दीपका, गेवरा व शहर के दर्जनभर एसईसीएल, रेलवे और विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों ने मंगलवार को सिविल लाइन थाने में यूनिट फाइनेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत की। लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करके भाग गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। लोगों ने शिकायत में पुलिस को बताया, कि व्यापार विहार में भारतीय नगर चौक के पास संचालित यूनिट फाइनेंस कंपनी ने बिना गारंटर के सहजता से बैंक से लोन दिलाने का प्रचार प्रसार किया था। इससे कोरबा, दीपिका और शहर समेत अंचल के रेलवे और एसईसीएल के कर्मचारी कंपनी में लोन के लिए पहुंचे। कंपनी के कर्ताधर्ता दंपती अब्दुल माजिद खान और पत्नी नाज खान ने लोगों से लोन दिलाने के लिए आवश्यक दस्तावेज, 5-5 हस्ताक्षरित ब्लैंक चेक, बैंक खातों के नंबर और अफसरों को खर्चा पानी देने के नाम पर रकम लेकर लोन दिलाने की बात कही थी। कुछ दिन बाद दंपती ने लोन पास होने की सूचना देकर लोगों को एक-एक कर बुलाया और नोटबंदी का हवाला देकर पूरी रकम के बजाए किसी को खर्च के लिए 10 हजार तो किसी को 20 हजार रुपए दिए। उन्होंने लोन की रकम को ब्लैंक चेक के जरिए अपनी पत्नी और अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया। कुछ केस तो एेसे हुए, जिनमें दंपती ने लोन कम पास होने का हवाला देकर पहले स्वीकृत लोन के 4-5 और 6 लाख को एकमुश्त जमा कराने का हवाला देकर उनसे रकम लिया और उसे अपने खाते में जमा करवाए और फरार हो गए। ये हुए शिकार दीपका निवासी परमेश्वर प्रसाद (एसईसीएल में डंपर आपरेटर) ने बताया कि उसने मकान बनवाने के लिए यूनिट फाइनेंस में दस्तावेज और 5 ब्लैंक चेक जमा कराकर 10 लाख रुपए लोन लेने के लिए आवेदन किया। पहली किस्त में 5 लाख स्वीकृत होने का हवाला देकर 5 लाख दिया और 5 लाख खुद रख लिया। अब 10 लाख का ईएमआई पटाने के लिए बैंक से नोटिस आ रहा है। कोरबा निवासी लुदूराम (रेलवे कर्मी) ने बताया, कि उसने 3 लाख रुपए के लोन के लिए आवेदन किया था। बैंक से लोन तो पास हो गया, लेकिन उसे 1 रुपए भी नहीं मिला। उस पर बैंक से लोन का किस्त पटाने के लिए नोटिस आ रहा है। बिलासपुर निवासी दुर्गा प्रसाद पाण्डेय (हरदीबाजार में लेक्चरर) ने बताया कि यूनिट फाइनंेस कंपनी के मार्फत एचडीएफसी बैंक से 2 लाख 90 हजार का लोन स्वीकृत हुआ। लेकिन कंपनी ने उसे 1 लाख 50 हजार रुपए ही दिए। अब उसे 2 लाख 90 हजार के लोन का किस्त पटाने के लिए बैंक से नोटिस आ रहा है। शहर के वायरलेस कालोनी निवासी केएस रामकुमार (रेलवे कर्मी) ने बताया कि यूनिट फाइनेंस के मार्फत उसका 6.72 लाख रुपए का लोन पास हुआ। कंपनी ने नोटबंदी के कारण नगदी का टोंटा बताकर 3 किस्त में 1 लाख 70 हजार रुपए ही दिए। बाकी रकम चैक से अपने खाते में आहरण करा लिया। अब बैंक से उसके पास 6 लाख 72 हजार रुपए का ईएमआई पटाने के लिए नोटिस आ रहा है। ये भी हैं पीडि़त: कोरबा के रेलवे कर्मी मोहन लाल सारथी ने कंपनी पर 10 लाख रुपए की ठगी का आरो लगाया। वहीं नारायण प्रसाद साहू ने 12.72 लाख, योगेश सिंह ठाकुर मंगला दीनदयाल आवास निवासी ने 5 लाख, दिलीप यादव तिफरा निवासी विद्युत कर्मी ने 10 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। बैंक से आ रहा ईएमआई जमा करने के लिए नोटिस: पीडि़तों ने बताया कि उनमें से कुछ लोगों को लोन की सिर्फ आधी रकम मिली। वहीं कई लोगों को एक धेला भी नहीं मिला। जबकि बैंक से ईएमआई जमा करने के लिए नोटिस आ रहा है। इसलिए वे लोग शिकायत लेकर सिविल लाइन थाने पहुंचे। तो खाने-पीने के लिए नहीं बचेगा: ठगी के शिकार कर्मचारियों का कहना है कि यूनिट फाइनेंस कंपनी के संचालक ने बैंक के अफसरों के साथ सांठगांठ कर सुनियोजित तरीके से ठगी को अंजाम दिया है। जब लोन ही नहीं मिला तो ईएमआई कैसा। यदि वे इतना लोन पटाएंगे तो पूरा वेतन चला जाएगा। उनके खाने पीने के लिए भी नहीं बचेगा। कंपनी संचालक का मोबाइल बंद: इस मामले में यूनिट फाइनेंस कंपनी के संचालक मजीद खान के मोबाइल नंबर 7724958797 और 9713211144 पर संपर्क कर चर्चा करने का प्रयास किया गया। लेकिन दोनों मोबाइल नंबर बंद मिले। जांच करके कार्रवाई की जाएगी ठगी के शिकार लोग शिकायत लेकर आए थे। उन्हें लिखित में शिकायत देने के लिए कहा गया है। संयुक्त रूप से शिकायत दर्ज कर ली गई है। जांच करके कार्रवाई की जाएगी। अनिल अग्रवाल, एसआई, सिविल लाइन