द्रोणाचार्य गुरु महासिंह राव ने बताया कि सुशील का लक्ष्य अभी ओलंपिक-२०२० है। उम्मीद है कि वे ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतेंगे। सुशील व सीनियर पहलवानों को देखकर दूसरी टीमों के बच्चे भी कुश्ती के अभ्यास में जुटे हुए हैं। इस बार ओलंपिक में अधिक मेडल आएंगे।
अभिभावक बच्चियों को कुश्ती सिखाएं
जब देश में कोई मेडल नहीं आ रहा था तो देश की बेटियां साक्षी मलिक व पीवी सिंधु ने देश को मेडल दिलाए। वे अभिभावकों से कहना चाहते हैं कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। वे खेल के माध्यम से देश की सेवा कर सकती हैं। अभिभावक बच्चियों को खेल के लिए प्रेरित करें और कुश्ती भी सिखाएं।
कुश्ती पर बन रही फिल्मों व बायोपिक के सवाल पर सुशील ने कहा कि अभी देशवासियों ने उन्हें एक काम दिया है, वह है कुश्ती करो और मेडल जीतो। गोल्ड मेडल लाने के बाद इसके बारे में सोचेंगे। डोपिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि डोपिंग विश्व में कहीं नहीं चलती है। नाडा टीम सब पर नजर रखती है और कभी भी जांच कर सकती है। खिलाड़ी इन चीजों से बचें।