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विश्व रेडियोग्राफी दिवस: बार-बार एक्स-रे स्वास्थ्य के लिए घातक

locationबीकानेरPublished: Nov 09, 2017 12:19:37 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

राजस्थान रेडियोग्राफर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में रविन्द्र रंगमंच में विश्व रेडियोग्राफी दिवस के उपलक्ष्य में राज्यस्तरीय समारोह हुआ।

World Radiography Day

विश्व रेडियोग्राफी दिवस

बीकानेर . राजस्थान रेडियोग्राफर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में बुधवार को रविन्द्र रंगमंच में विश्व रेडियोग्राफी दिवस के उपलक्ष्य में राज्यस्तरीय समारोह हुआ। मुख्य अतिथि विधायक डॉ. गोपाल जोशी ने समारोह का उद्घाटन किया। समारोह में वक्ताओं ने एक्स-रे के दुष्प्रभावों को बताया।
प्रदेशाध्यक्ष अचलाराम चौधरी ने कहा कि एक्स-रे के दौरान निकलने वाली विकिरणों का शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। लगातार इनके सम्पर्क में आने से शरीर में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है। आमजन को विकिरणों से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन इस दिशा में सकारात्मक कार्य कर
रहा है। विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रंजन माथुर ने एक्स-रे विकिरणों के खतरों के बारे में जानकारी दी। साथ ही बचाव व उपाय भी बताए।
पीबीएम के रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. जीएल मीणा ने कहा कि एक्स-रे की मदद से जहां मरीज को जीवनदान मिल रहा है वहीं इनका ज्यादा इस्तेमाल घातक है। मरीज का एक सीटी स्केन 400 एक्स-रे के बराबर होता हैं। बच्चों पर तो इसका और ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे अनुवांशिक दुष्प्रभाव पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। रेडियोलॉजी विभाग के संतोष शर्मा एवं कैलाशदान रतनूं ने बताया कि समारोह में प्रदेशभर से पांच सौ से अधिक रोडियोग्राफर्स शामिल हुए।
रेडियोलोजी में हुए नए अविष्कारों, नई तकनीकों व कैंसर उपचार में नई विधाओं पर विचार विमर्श किया गया।
फिर मिला नेतृत्व समारोह में सर्वसम्मति से अचलाराम चौधरी को अध्यक्ष एवं डॉ. अर्जुनसिंह शेखावत को सचिव चुना गया है। इनका कार्यकाल पांच साल तक रहेगा। इनका चुनाव निर्विरोध हुआ है। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
विकिरणों से कई बीमारियां
आयोजन अध्यक्ष जीआर शर्मा ने कहा कि काफी मामलों में इलाज के लिए एक्स-रे का इस्तेमाल जरूरी होता हैं लेकिन अति उपयोग से कैंसर भी हो सकता है। इसके अलावा मोतियाबिंद, चर्म रोग होने की आशंका रहती है। शर्मा ने कहा कि एक्स-रे के ज्यादा प्रयोग से गर्भवती महिलाओं के डीएनए में जैनेटिक बदलाव हो सकते हैं। जो जन्म लेने वाले शिशु पर असर डाल सकते है। थोड़ी सी सावधानी से इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।

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