उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आइएबीएम के निदेशक प्रो. एन.के. शर्मा ने कहा कि खजूर, शुष्क क्षेत्र में स्वास्थ्य और आय की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें मूल्य संवर्धन की अपार संभावनाएं हैं।
खजूर अनुसंधान केन्द्र के प्रो. राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि केन्द्र पर खजूर की ३४ किस्मों पर अनुसंधान हो रहा है। प्रशिक्षण से जुड़े डॉ. नरेन्द्र पारीक ने बताया कि तीन दिनों के प्रशिक्षण के दौरान खजूर के अनुसंधान एवं मूल्य संवर्धन से जुड़े विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। शुक्रवार को विद्यार्थी, खजूर अनुसंधान केन्द्र का भ्रमण करेंगे।
बीकानेर ञ्च पत्रिका. गोपालन विभाग और वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय की ओर से संभाग के गोशाला व्यवस्थापकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण गुरुवार से शुरू हो गया।
प्रशिक्षण के समन्वयक एवं प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. ए.पी. सिंह ने बताया कि बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों के ३५ गोशालाओं के व्यवस्थापक प्रशिक्षण में शामिल हुए हैं।