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ये गिरोह करता है गुमशुदा लोगों के परिजनों से ठगी

locationबीकानेरPublished: Nov 06, 2018 02:43:18 am

साधु वेशधारी गिरोह का पर्दाफाश
गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी जुटाकर परिजनों से ठगी करने वाले गिरोह का जसरासर पुलिस ने सोमवार को पर्दाफाश किया है। पुलिस ने डेढ़ दर्जन ढोंगी साधु गिरफ्तार किए। आरोपितों से बड़े चौकान्ने वाले खुलासे हुए हैं। जिनकी जांच-पड़ताल में पुलिस जुट गई।

These gangs are cheated by the families of missing people

ये गिरोह करता है गुमशुदा लोगों के परिजनों से ठगी

बीकानेर/जसरासर. गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी जुटाकर परिजनों से ठगी करने वाले गिरोह का जसरासर पुलिस ने सोमवार को पर्दाफाश किया है। पुलिस ने डेढ़ दर्जन ढोंगी साधु गिरफ्तार किए। आरोपितों से बड़े चौकान्ने वाले खुलासे हुए हैं। जिनकी जांच-पड़ताल में पुलिस जुट गई।
यह ठग गिरोह उत्तरप्रदेश का है। जसरासर थाना प्रभारी गुलाम नबी ने बताया कि 14 व्यक्तियों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया। वहीं धर्मप्रसाद, हिरनकुमार एवं जोगेन्द्र के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
यूं आए पकड़ में

एसएचओ नबी के मुताबिक कुचौर आथुणी गांव स्थित माताजी मंदिर में कई दिनों से साधु के वेश में कुछ लोग ठहरे हुए थे। उनके बारे में जांच-पड़ताल की पता चला कि कुचौर आगुणी गांव में 15 साल पहले भागीरथ नाम का व्यक्ति गुमशुदा हुआ था, जो साधु बनकर लौटा है। जबकि हकीकत कुछ और ही सामने आई। पुलिस शक के आधार पर उन्हें पकड़ थाने लाई तो पूरा राज उगल दिया।
15 साल से बना हुआ था हरजीराम

नोखा का हरजीराम सींवर 18 साल से लापता हुआ था। करीब 10 साल पहले उतरप्रदेश का हिरनकुमार हरजीराम बनकर नोखा पहुंच यहीं रहने लगा। घर परिवार वालों को शक तक नहीं होने दिया। कुचौर आथुणी गांव में उसी ने साथियों को बुला लिया। यह ठग गिरोह तीसरी ठगी की तैयारी में थे। इससे पहले जसरासर पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। उक्त गिरोह आमजन को बहकावे में लेकर ठगने, माइंड वॉश एवं पागल बनाने का काम करते हैं।
ऐसे करते ठगी

एसएचओ ने बताया कि नोखा में हरजीराम बनकर रह रहे हिरनकुमार ने साथियों को बुलाया। कुचौर आथुणी गांव से कोई भागीरथ नामक व्यक्ति गुमशुदा है। इसके बारे में हिरनकुमार ने साथियों को सूचना दी। इस पर गिरोह के सदस्यों यहां पहुंचे। भागीरथ के बारे में जांच-पड़ताल की। वह किसका बेटा है, कितने भाई बहन थे, कहां-कहां रिश्तेदारी है। इन सब की जानकारी लेने के बाद ठग धर्मप्रसाद ने कुचोर आथुणी गांव में भागीरथ के घरवालों से संपर्क किया। घरवालों को जब यकीन हुआ कि यह हमारा भागीरथ ही है तो वह उनके पास रहने लगा।
परिजनों के यूं लिया झांसे में

भागीरथ बने ठग धर्मप्रसाद ने वास्तविक भागीरथ के परिजनों ने अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसाकर झांसे में ले लिया। उसने गुमशुदा भागीरथ के परिजनों को बताया कि वह 30 साल से साधुओं के पास रहा, तपस्या की। इसके लिए वह कुंभ मेले में साधु-संतों के लिए भंडारा कराना चाहता है। परिजन व ग्रामीण राजी हो गए। गुमा हुआ भागीरथ मिलने की खुशी को ग्रामीणं व परिजनों ने भगवान का चमत्कार मानते हुए उसे 10 लाख रुपए एकत्रित कर दे दिए। अब इस गिरोह ने बेरासर गांव में किसी अन्य गुमशुदा व्यक्ति के बारे में जानकारी जुटाई और उसके परिजनों को सूचना दी। इससे ग्रामीणों का शक गहरा गया।
इन्हें किया गिरफ्तार

उत्तरप्रदेश के तिदंवारी निवासी महाप्रसाद गिरी जोगी, गजेन्द्र गिरी, जितेन्द्र, शैलेन्द्र गिरी, गौतम गिरी जोगी, श्रीनाथ गिरी , अरविंदगिरी , सर्वेन्द्र , मदन गिरी, बिसंडा निवासी रामकिशन, शिवराम, पूर्णगिरी, रामनारायण गिरी, हमीरपुर के काहरा निवासी कलन गिरी जोगी को शांतिभंग में गिरफ्तार किया गया है।
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