जीमण में आने लोगों का कहना है कि विदेशी धरती पर रहते हुए भी अपने देश की मिट्टी को भूल नहीं पा रहे थे। इसीलिए उन्होंने राजस्थान एसोसिएशन यूके बनाई और अपनी संस्कृति से जुड़े आयोजन शुरू किए। हर साल गणगौर और जीमण मुख्य आयोजन रहते है। मार्च में ईसर गणगौर की सवारी निकली जाती है।
जीमण 2016 में पहली बार हुआ, तब 400 से 500 राजस्थानियों ने इसमें हिस्सा लिया। इस साल रविवार को होने वाले आयोजन में यह संख्या बढ़कर एक हजार से ज्यादा हो सकती है।
जीमण में राजस्थानी पकवान दाल-बाटी व चूरमा बनाया जाता है। समारोह में सभी लोग नीचे बैठकर देसी तरीके में खाने का लुफ्त उठाएंगे। साथ ही राजस्थानी संगीत बजाया जाएगा। समारोह में सबसे अच्छी बात यह देखने को मिलती है किसी भी समूह के द्वारा यहां प्रस्तुति नहीं दी जाती। सभी कार्यकर्ता, उनके परिवार के लोग और बच्चे इस समारोह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। आखिर में सभी महिलाएं सामूहिक राजस्थानी लोक नृत्य घूमर करती है।
जीमण-2018 समारोह में जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह शामिल हुए थे। इस बार लंदन के डिप्टी कमिश्नर चरणजीत सिंह समारोह में मेहमान के रूप में शामिल होंगे। राजस्थान एसोसिएशन ने जीमण नाम से एक मैगजीन का प्रकाशन भी शुरू किया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि आने वाली पीढ़ी को राजस्थानी संस्कृति से जोड़े रखने के लिए समारोह लंदन में करवा रहे हैं।