सफाई नहीं होने व पानी ज्यादा मात्रा में छोड़ने से नहर टूट गई। इससे करीब 100 बीघा भूमि जलमग्न हो गई। किसानों ने सूचना देकर नहर में पानी बंद करवाया। तब तक आसपास के खेतों में एक फीट पानी भर गया। इससे सरसों व गेहूं की फसल चौपट हो गई। खेत में पड़ीतुड़ी सहित अन्य सामान भी खराब हो गए। किसानों ने छतरगढ़ एसडीएम यक्ष चौधरी व तहसीलदार राजकुमार भादू से फसल खराबे के मुआवजे की मांग की। वहीं सहायक अभियंता कमल यादव ने बताया कि फसल खराबे की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया जाएगा।
किसानों ने आरोप लगाया कि लंबे समय से नहर की साफ नहीं की गई। किसानों ने ठेकेदार पर भी नहर निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग करने का आरोप लगाया। इससे नहर पानी के तेज बहाव को झेल नही पाई और ओवरफ्लो होकर टूट गई। किसानों ने नहर की सफाई करवाने की मांग की है। इस दौरान रामकुमार बिश्नोई, मोहनलाल बिश्नोई, रत्तीराम, सोनू कुम्हार, बिहारीलाल बिश्नोई, हेतराम गोदारा, किशनाराम मेघवाल, कालूराम कुम्हार, ओमप्रकाश कालेरा आदि मौजूद रहे।