संयोजक शेखावत ने कहा कि ऋण की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए की गई है। सभा में आरपीएफ के कर्मचारियों को बैंक के सदस्य बनाने पर भी विचार किया गया। साथ ही सेवानिवृत कर्मचारियों, बैंक के पहले सदस्य रहे और भुगतान नहीं लेने वाले अन्य कर्मचारियों या उनके आश्रितों को यह भुगतान देने की सभा में सहमति जताई गई।
बैंक को सुचारू चलाएं
अध्यक्षता करते हुए मंडल रेल प्रबंधक अनिल दुबे ने बैंक के काम-काज पर असंतोष जताते हुए उसे सुचारू चलाने के निर्देश दिए। आंदोलन के पदाधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों और शेयरधारकों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है। आमसभा में रेलवे सहकारी बैंक के सभी 12 संचालक तथा उपाध्यक्ष वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक विनय बंसल आदि मौजूद रहे।