पीबीएम परिसर में जनाना अस्पताल, हॉर्ट हॉस्पिटल, आपातकालीन एवं यूरोलॉजी साइंसेज सेंटर के पास खोखे लगाकर खाद्य सामग्री बेची जा रही है। जब अस्पताल प्रशासन से इनके बारे में पूछा गया तो जवाब मिला यह खोखे (ठेले) अनाधिकृत नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने ठेकेदार को स्वीकृति दी है।
इसके पीछे तर्क दिया कि मुख्य कैंटीन में ग्राहक कम पहुंच रहे हैं। जिससे कैंटीन संचालन को घाटा हो रहा है। कैंटीन संचालन को फायदा दिलाने के लिए उसे सब कैंटीनें खोलने, ठेले लगवाने के लिए छूट दे रखी है।
इसके पीछे तर्क दिया कि मुख्य कैंटीन में ग्राहक कम पहुंच रहे हैं। जिससे कैंटीन संचालन को घाटा हो रहा है। कैंटीन संचालन को फायदा दिलाने के लिए उसे सब कैंटीनें खोलने, ठेले लगवाने के लिए छूट दे रखी है।
नया ठेका अगले महीने पीबीएम सूत्रों के अनुसार वर्तमान ठेकेदार का समय अब पूरा हो रहा है। चुनाव आचार संहिता के कारण नया ठेका नहीं किया जा सका। जून में नया ठेका आबंटित किया जाएगा। तब तक पुराना ठेकेदार ही कैंटीन का संचालन करेगा। एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार और अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत के चलते राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। अब प्रशासन क्या नया ठेका पुराने ठेके की दरों से कम पर देगा।
ठेकेदार की चिंता, मरीजों की नहीं अस्पताल प्रशासन को मरीजों से ज्यादा चिंता ठेकेदार की है। नियमानुसार कैंटीन पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, दरें तय होती है। अब जगह-जगह ठेले लगाने से उन पर बेचे जा रहे सामान और दरों की निगरानी नहीं रहती। साथ ही अस्पताल परिसर में अव्यवस्था फैल रही है वह अलग।
नियमानुसार दी छूट ठेकेदार को पूरे पीबीएम परिसर का ठेका दे रखा है। हर माह एक लाख ७८ हजार रुपए भुगतान करता है। हाल ही में अस्पताल का विस्तार होने से नए भवन शुरू हो गए। जिससे कैंटीन संचालक घाटे में चल रहा है। इसलिए कमेटी की बैठक बुलाकर ठेकेदार को सब-कैंटीन खोलने की अनुमति दी गई। साथ ही किराए में ३३ हजार की बढ़ोतरी कर दी गई।
डॉ. पीके बैरवाल, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल