सुबह से शाम तक पतंगबाजी का दौर नगर स्थापना दिवस पर दो दिनों तक पतंगबाजी का दौर चलेगा। घरों की छतों पर बच्चों से बुजुर्ग तक व महिलाएं पतंगबाजी में व्यस्त रहेंगे। पतंगे उड़ाने, काटने और लूटने का क्रम चलेगा। डीजे, टेप, स्पीकर पर गीतों की गूंज रहेगी। खान-पान के दौर चलेंगे। इसकी तैयारियां घर-घर में चल रही है। चिलचिलाती धूप और गर्मी के बाद भी अनवरत रूप से पतंगबाजी का क्रम चलता रहे, इसकी तैयारियां चल रही है।
साल भर मैदानी पतंगबाजी शहर में केवल नगर स्थापना दिवस पर ही पतंगबाजी का जुनून नजर नहीं आता है, पूरे साल शहर से दूर सोनलियां धोरों पर मैदानी पतंगबाजी का क्रम चलता रहता है। मैदानी पतंगबाजी के शौकिन लोग इसका आनंद लेते है। पतंगबाज राजेश पुरोहित बताते है कि मैदानी पतंगबाजी के लिए संसोलाव तालाब के पास िस्थत नाथजी का धोरा अंदरूनी शहर के पतंगबाजों के लिए पसंदीदा मैदान है। सुजानदेसर काली माता मंदिर के पास, चकगर्बी बीकाजी फैक्ट्री के पीछे, जोड़बीड, नोखा और देशनोक में भी मैदानी पतंगबाजी के स्थान है।
होती है प्रतियोगिता, बनी हुई है टीमें शहर में केवल नगर स्थापना दिवस और शौकिया तौर पर ही पतंगबाजी नहीं होती है। पतंगबाजी के लिए टीमें भी बनी हुई है, जो न केवल साल भर पतंगबाजी में जोर आजमाईस करती रहती है, बल्कि पतंगबाजी की प्रतियोगिता में भी शामिल होती है। पतंगबाजों के अनुसार टीमों में मरुधर काईट क्लब, नामाकूल महफिल काईट क्लब, शक्ति काईट क्लब, फ्रेण्ड्स काईट क्लब, गुरु काईट क्लब, शिव शक्ति काईट क्लब, बी जी काईट क्लब, बालाजी काईट क्लब, बीकानेर काईट क्लब, श्री बालाजी काईट क्लब, महाराजा काईट क्लब, न्यू वेल काईट क्लब, सतगुरू काईट क्लब, रॉयल काईट क्लब, राजस्थान काईट क्लब, लॉयंस काईट क्लब, आर पार काईट क्लब, करणी काईट क्लब, लक्ष्मी काईट क्लब आदि क्लब शामिल है।