नौ साल में 495 तक पहुंचा आंकड़ा
जेल प्रबंधन के मुताबिक, वर्ष 2015 में इग्नू के माध्यम से बंदियों को शिक्षित करने की कवायद शुरू की गई थी। वर्ष 2019 तक 435 बंदियों ने डिप्लोमा व डिग्री प्राप्त कर ली थी। इसके बाद वर्ष 2020 में कोराेना के बाद से जेल में साक्षरता कार्यक्रम संचालित नहीं हुए। कुल मिला कर नौ साल में जेल में बंद करीब 495 बंदियों ने डिप्लोमा व डिग्री प्राप्त की है। इनमें बंदी सुमन सागर साइबर लॉ, पर्यटन में पीजी, समाजसेवा में पीजी, प्रबंधन में सर्टिफिकेट कोर्स, कॉपरेटिव लॉ में पीजी डिप्लोमा, पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिप्लोमा हासिल कर चुका है। बंदी नवनीत शर्मा ने एमबीए कर लिया है।
ये पाठ्यक्रम हैं संचालित
- कला में स्नातक
- कला में स्नातकोत्तर
- पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा में डिप्लोमा
- पर्यटन शिक्षा में प्रमाण-पत्र
- एचआईवी और पारिवारिक शिक्षा में प्रमाण-पत्र
- आपदा प्रबंधन में प्रमाण-पत्र
- भोजन एवं पोषण में प्रमाण-पत्र
- मानव अधिकार में प्रमाण-पत्र
- ग्राम विकास में प्रमाण -पत्र
- सूचना एवं प्रौद्योगिकी में प्रमाण-पत्र
- गैर सरकारी संगठन में प्रमाण-पत्र
- उपभोक्ता संरक्षण में प्रमाण-पत्र
- पर्यटन अध्ययन में डिप्लोमा