जानकारी के मुताबिक ढाणी पाण्डूसर निवासी किसान शंकरनाथ सिद्ध ने बताया कि उन्होंने अपने खेत तथा दूसरों किसानों से पल्लर खरीदकर अपने बाड़े में एकत्र कर रखा है। मंगलवार रात करीब 10 बजे अचानक पल्लर के ढेर में आग लग गई। अचानक लगी आग में तेज हवा के चलते बड़ी-बड़ी लपटें उठने से रोद्र रूप ले लिया। इस दौरान गांव के भंवरनाथ भारी, रामकुमार भारी समेत बड़ी तादाद में ग्रामीण पहुंच गए। घटना को लेकर कालू थानाधिकारी धर्मवीर को सूचना मिलने पर जाब्ते समेत तुरन्त मौके पर पहुंच गए। बीकानेर से दमकल बुलाई गई। ग्रामीणों की मदद से टैंकर से पानी डालकर व लोडर की मदद से आग पर काबू पाया गया। आग कैसे लगी इस बारे में पता नहीं चल पाया।
तेज हवा चलने से हुई मशक्कत पल्लर के ढेर में आग के लगने पर तेज हवा चलने से काबू पाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। करीब दो घंटे बाद दर्जनों टैंकर पानी व ट्रैक्टर लोडर की मदद से आग पर काबू पाया गया। इसके बाद रात करीब एक बजे बाद बीकानेर से पहुंची दमकल पानी डालकर आग पर पूरा काबू पाया गया। आग बुझाने के लिए पास के ग्राम अमरपुरा, राजासर उर्फ करणीसर समेत अन्य गांवों से भी लोग मदद के लिए पहुंचे।
आग से 3500 क्विंटल पल्लर सुलगा आग लगने से करीब 3500 क्विंटल पल्लर का ढेर जलने से किसान को करीब आठ-दस लाख का नुकसान हो गया। चारे से बुधवार शाम को राख के ढेर से धुंआ उठता रहा। गनीमत रही कि पल्लर के ढेर के आस-पास दूसरे घर नहीं होने से बड़ा नुकसान होने से बच गया। अन्यथा आग दूसरे घरों में चपेट में लेने से आग फैलने की संभावना थी।