डॉ. आर्य ने बताया कि जितना रक्त संग्रहीत होता है, उतना ही मरीजों को चढ़ा दिया जाता है। दस वर्ष पहले रोजाना ५० से ६० यूनिट की खपत होती थी। अब हर दिन १५० से १६० यूनिट रक्त की खपत है। पीबीएम ब्लड बैंक में करीब ४०० रक्तदाताओं के मोबाइल नंबर भी हैं, जिन्हें जरूरत पडऩे पर कॉल किया जाता है। ७०-७५ संस्थाएं रक्तदान शिविर लगाती हैं। डॉ. आर्य ने बताया कि पीबीएम से रक्त सैन्य अस्पताल, रेलवे अस्पताल सहित नोखा, देशनोक, लूणकरनसर, श्रीकोलायत, श्रीडूंगरगढ़ एवं निजी अस्पतालों में अधिकृत चिकित्सक की अनुशंसा पर भेजा जाता है।
पीबीएम के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. देवराज आर्य ने बताया कि पिछले वर्ष संगठनों ने जिले में १०३ रक्तदान शिविर लगाए। इनमें ३६,१२६ यूनिट रक्त एकत्र किया गया। इसमें १२ हजार यूनिट रक्त स्वैच्छिक रक्तदान शिविर से आया। वहीं इस वर्ष में अब तक २४ शिविरों के माध्यम से १६३६४ यूनिट रक्त एकत्र किया गया है।
मेरा रक्त ‘ओÓ निगेटिव है, फिर भी मैं अब तक ५५ बार रक्तदान कर चुका हूं और लोगों को प्रेरित करता हूं। अब बीकानेर जिले में रक्तदाताओं की संख्या में वृद्धि इसलिए हो रही है, क्योंकि युवा इसके महत्त्व को समझने लगे हैं और सहयोग भी करने लगे हैं। रक्तदान से किसी भी जरूरतमंद की जिंदगी बच सकती है।
नवल राठी, रक्तदाता
वर्ष यूनिट
२०१२ २५०००
२०१३ २६३२४
२०१४ ३०७००
२०१५ २८०२१
२०१६ २९१०७
२०१७ २९१३६
२०१८ ३६१२६
२०१९ १६३६४ (अब तक)