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मेडिकल व इंजीनियरिंग में सरकारी सीटों पर चयन में बीकानेर ने कोटा को पीछे छोड़ा

locationबीकानेरPublished: Jun 15, 2019 12:20:22 pm

Submitted by:

Nikhil swami

मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में सरकारी सीटों पर चयन में इस साल बीकानेर ने कोटा को पीछे छोड़ दिया है।

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बीकानेर. मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में सरकारी सीटों पर चयन में इस साल बीकानेर ने कोटा को पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों पर बात करें तो इस बार मेडिकल में सीकर में दो से तीन प्रतिशत, कोटा में डेढ़ से दो प्रतिशत तथा बीकानेर का परीक्षा परिणाम १५ प्रतिशत से अधिक रहा है।
वहीं इंजीनियरिंग में कोटा का ५ प्रतिशत व सीकर के २ प्रतिशत तथा बीकानेर का परीक्षा परिणाम भी १५ प्रतिशत रहा है। इस साल मेडिकल व इंजीनियरिंग में कोचिंग संस्थानों में बच्चों की संख्या में तो बढ़ोतरी हो रही है वहीं इनके चयन में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
इस बार नीट-एम्स व आइआइटी की परिणामों से प्रभावित होकर बीकानेर के साथ-साथ हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, नागौर, जैसलमेर जैसे निकटवर्ती जिलों के विद्यार्थी भी यहां रहकर नीट-एम्स तथा आइआइटी जैसी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गए है। इन कोचिंग सेंटरों पर रोजाना करीब ४० से ५० विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ प्रवेश के लिए आ रहे है।

बीकानेर को मानते हैं बेहतर और सुरक्षित
कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों ने बताया कि पिछले करीब पांच वर्षो से विज्ञान, गणित व बायलॉजी में विद्यार्थी नीट, एम्स अथवा आईआईटी जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा का रुख करते थे, लेकिन अब बीकानेर के अलावा आस-पास के जिलों के विद्यार्थी भी कोटा, जयपुर व सीकर की बजाय बीकानेर में ही पढ़ाई करना ज्यादा बेहतर और सुरक्षित महसूस करते है। वहीं आर्थिक भार भी बहुत कम पड़ता है।

नौवीं कक्षा से ही तैयारी शुरू
यहां कोचिंग संस्थानों में अब विद्यार्थियों को ९वीं कक्षा से ही मेडिकल की तैयारी शुरू करवा दी जाती है। वहीं पूर्व में यह तैयारी बारहवीं कक्षा पास करने के बाद करवाई जाती थी।

मेडिकल व इंजीनियरिंग में एेसे बढ़ रही संख्या
मेडिकल में हर साल ५० व इंजीनियरिंग में ७० से अधिक विद्यार्थियों का सरकारी सीटों पर चयन हो रहा है। इंजीनियरिंग में २५० तथा मेडिकल में भी २५० का चयन हुआ है। वहीं मेडिकल में ४०० से ५०० विद्यार्थी तो इंजीनियरिंग में करीब एक हजार विद्यार्थी क्वालीफाई कर रहे हैं।

स्कॉलरशिप के साथ फीस में भी छूट
पिछले पांच वर्षो में साइंस विषय में तैयारी करवाने वाले कई कोचिंग संस्थान खुल गए है। इन कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों को डेमो क्लासेज के साथ दसवीं और बारहवीं में अंकों के प्रतिशत के आधार पर स्कॉलरशिप के साथ फीस में छूट भी दे रहे है। कोटा में उच्चस्तरीय कोचिंग सेंटर की शाखाएं भी बीकानेर में खुल गई जिससे छात्र, छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों ने भी काफी राहत महसूस की है।
नीट के परिणाम के बाद विद्यार्थियों का मेडिकल के प्रति रूझान बढ़ा है। इससे अब मेडिकल में प्रवेश भी ज्यादा हो रहे है। बीकानेर से हर साल विद्यार्थियों के चयन की संख्या बढ़ रही है।
मनोज बजाज, निदेशक, सिंथेसिस इंस्टीट्यूट
बीकानेर में राष्ट्रीय स्तर के इंस्टीट्यूट खुल रहे है जिससे बीकानेर के विषय-विशेषज्ञ बच्चों पर काफी मेहनत करते है। इससे हर साल परीक्षा परिणामों में बढ़ोतरी हो
रही है।
राजेश कुमार शर्मा, निदेशक, आकाश इंस्टीट्यूट बीकानेर
यहां दूसरे शहरों से ज्यादा भीड़ नहीं होने से कुछ लिमिटेड विद्यार्थी ही है जिससे इन विद्यार्थियों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। अन्य शहरों की अपेक्षा यहां का चयन प्रतिशत भी बढ़ा है।
भूपेन्द्र मिढ्ढा, निदेशक, कॉनिक्स इंस्टीट्यूट
बीकानेर से मेडिकल के लिए १५ प्रतिशत विद्यार्थियों का चयन हो रहा है। बीकानेर में पढ़ाई का माहौल तनावरहित है साथ ही तैयारी कर रहे विद्यार्थियों व अध्यापकों के बीच तालमेल भी बेहतर है।
देवेन्द्र भारद्वाज, इग्नाइट एकेडमी
बीकानेर में इंजीनियरिंग व मेडिकल परीक्षाओं की पढ़ाई के लिए वातावरण काफी अच्छा है और यहां के विद्यार्थी बहुत प्रतिभावान भी है। यहां के कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों पर पूरा ध्यान देते है।
एम.पी.सिंह, अभिप्रेरणा इंस्टीट्यूट

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