प्रदेशभर के कैंसर विशेषज्ञों ने अपने पास आए मरीजों के अनुभव साझा करते हुए कैंसर के कुछ नए कारण गिनाए। इनमें धुम्रपान, मदिरा सेवन, पेस्टीसाइड युक्त खाद्य से कैंसर के खतरे के सर्वविदित कारणों से हटकर कई कारण सामने आए हैं। कैंसर विशेषज्ञों ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि अब तेजी से बदल रही लाइफ स्टाइल समेत कई नए कारण जुड़ गए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया..सफेद रोशनी का खतरा महावीर कैंसर सेंटर जयपुर के ब्लड कैंसर विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश सिंह शेखावत ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट में सफेद लाइट में ज्यादा समय तक रहने एवं रात को देरी से सोने को भी कैंसर के संभावित कारणों में शामिल किया गया है। अभी इस दिशा में शोध चल रहा है। चिकित्सकों के पास आ रहे कैंसर पीडि़तों की हिस्ट्री का विश्लेषण किया जा रहा है।
बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता खतरा कैंसर विशेषज्ञों ने कॉमन कारण बताया कि उम्र के साथ शरीर के अंदर की कोशिकाएं कमजोर होने लगती है। ऐसे में शरीर पर कोशिकाओं का नियंत्रण कमजोर होने लगता है। इसके चलते धीरे-धीरे अन्य बीमारियां शरीर में आने लग जाती है। लोग कैंसर की जांच कराने से कतराते रहते हैं। जबकि यदि कैंसर का प्राथमिक स्टेज में ही पता चल जाए तो इसका इलाज करना पूरी तरह से संभव है।
पड़ोसी राज्यों में कैंसर के मरीज ज्यादा कैंसर विशेषज्ञों ने बताया कि राजस्थान के पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा और उनसे लगते प्रदेश के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं बीकानेर जिले में कैंसर के रोगी ज्यादा है। बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्यों के मरीज बीकानेर और जयपुर उपचार कराने आते हैं।
यह कारक भी दे रहे कैंसर को जन्म – अलवर के भिवाड़ी में कारखानों का प्रदूषण कैंसर को जन्म दे रहा है। – लाइफ स्टाइल में बदलाव और फास्ट फूड का ज्यादा सेवन भी घातक है।
– कीटनाशक के छिड़काव वाली फसलों के खाद्य पदार्थों से कैंसर हो रहा है। – धूम्रपान, शराब और तम्बाकू का सेवन कैंसर के प्रमाणित कारणों में से है। – मांस खाने से आंत के कैंसर का खतरा रहता है। लाल मांस का अधिक सेवन करने से पेट का कैंसर हो जाता है।
ब्लड कैंसर का इलाज भी संभव विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बातचीत में कहा कि यह भ्रांति हैं कि ब्लड कैंसर ठीक नहीं हो सकता। जो पूरी तरह से मिथक है। यदि ब्लड कैंसर का पता प्राथमिक स्टेज में चल जाए तो दवाइयों से मरीज को ठीक किया जा सकता है। इसमें मरीज को चिकित्सक की सलाह को मानना आवश्यक होता है।