वेस्ट यूपी के जिले से किस्मत आजमा सकती हैं मायावती जहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है, वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के वेस्ट यूपी के जिले से चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बसयपा सुप्रीमो मायावती सहारनपुर या नगीना से चुनाव लड़ सकती हैं। नगीना से बसपा ने अपना लोकसभा प्रभारी घोषित कर दिया है। यहां से गिरीश चंद्र को टिकट दिया गया है, लेकिन चर्चा चल रही है कि मायावती के यहां से किस्मत आजमाने के चांस ज्यादा हैं। नगीना सुरक्षित सीट हैं। पिछले चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर यह लोकसभा सीट सपा के खाते में जानी चाहिए थी लेकिन इस पर बसपा ने हक जताया। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा यहां दूसरे नंबर पर रही थी। बताया जा रहा है कि इसके लिए बसपा ने गाजियाबाद को सपा को दे दिया। इसके बाद मायावती के यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है।
सहारनपुर से भी है चर्चा नगीना के अलावा मायावती के सहारनपुर सीट से भी चुनाव लड़ने की चर्चा है। वायरल हो चुकी बसपा की सूची में भी मायावती का नाम सहारनपुर सीट से दिया गया था। इसके अलावा अभी तक सहारनपुर से बसपा ने कोई अपना कोई लोकसभा प्रभारी भी घोषित नहीं किया है। इसके बाद मायावती के यहां से भी चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है।
मुख्य बातें – मायावती पहली बार 1989 में संसद भी बिजनौर से पहुंची थी। – उन्होंने अपना सबसे पहला चुनाव 1984 में कैराना से लड़ा था लेकिन सफल नहीं हो सकी थीं। निर्दलीय चुनाव लड़ीं मायावती को सांसद तबस्सुम हसन के ससुर अख्तर हुसैन ने हराया था। इसके बाद मायावती बसपा में चली गई थीं।
– इसके बाद मायावती ने 1985 में बिजनौर के उपचुनाव में किस्मत आजमाई लेकिन तीसरे स्थान पर रहीं। – 1987 में हरिद्वार सीट से मायावती ने दुबारा चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहीं।
– 1989 में बिजनौर सीट से मायावती ने पहली बार जीत का स्वाद चखा। – 1995 में मायावती भाजपा के सहयोग से पहली बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। – 2001 में बसपा संस्थापक कांशी राम ने मायावती को अध्यक्ष बनाया।
– 2002-2003 के दौरान भाजपा की गठबंधन सरकार में मायावती फिर से मुख्यमंत्री चुनी गईं। इसके बाद भाजपा के समर्थन वापस लेने के कारण मायावती सरकार गिर गई। – 2007 में उन्होंने फिर से सत्ता में वापसी की।