सहसपुर गांव के रहने वाले रोहित,बिल्ट्टू, रिंकू और धर्मेंद्र सिंह पशुओं का चारा लेने के लिए जंगल जा रहे थे। जब वह रामगंगा नदी के बीच में पहुंची तो ये चारो तेज़ पानी में बह गए । मृतक रोहित के दोस्तों ने उसे बचाने का बहुत कोशिश की, लेकिन वह देखते ही देखते पानी में समा गया। घटना का पता चलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन सहित ग्रामीण मौके पर दौड़ पड़े। पुलिस भी सूचना पर तुरंत पहुंच गई। ग्रामीणों ने बताया कि सहसपुर निवासियों को जंगल से चारा लेने के लिए रामगंगा नदी को पार करना पड़ता है। इसे पार करने के लिए कोई सुविधा नहीं है। लोग अपनी जान हथेली में डालकर रोज़ाना इस नदी को पार करके पशुओं के लिए चारा लाते हैं। प्रशासन इन नदी को पार करने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था आज तक नहीं कर पाई है, जिसकी कीमत इन गांववासियों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। गौरतलब है कि इससे पहले भी बिजनौर में ही 27 लोग नांव पलटने से नदी में डूब गए थे। जिन में से लगभग आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से कई की तो लाश भी नहीं मिल पाई थी।