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मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव की तैयारियां पूरी, देश-विदेश के 800 से भी ज्यादा निवेशक भाग लेंगे

locationभुवनेश्वरPublished: Nov 09, 2018 03:36:24 pm

प्रमुख सचिव उद्योग संजीव चोपड़ा कहते हैं कि राज्य सरकार का ध्यान उद्योगों की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचा मुहैया कराना तथा उद्योगों को स्थापित और संचालित करने के लिए एक अनुकूल और प्रतिस्पर्धी आर्थिक तंत्र खड़ा करना है…

make in odisha

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(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): निवेश के क्षेत्र में विश्व के नक्शे में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की तरफ तेजी से बढ़ रहे ओडिशा का मेगा इवेंट ‘मेक इन ओडिशा 2018 कॉन्क्लेव’ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसमें देश-विदेश के 800 से भी ज्यादा निवेशक भाग ले रहे हैं।

 

 

भारत के यह उद्योगपति लेंगे हिस्सा

ओडिशा सरकार द्वारा आयोजित पांच दिवसीय मेगा कॉन्क्लेव 11 नवंबर से शुरू होगा। इसमें बैंकर्स, उद्योगपति और ट्रेड एक्सपर्ट मिलकर भविष्य के ओडिशा की इबारत का मसौदा तैयार करेंगे। इसमें रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आदित्य बिरला ग्रुप चेयरमैन कुमार मंगलम बि़ड़ला, स्टेट बैंक, बंधन बैंक के चेयरमैन प्रमुख वक्ताओं में होंगे। बिजनेस लीडरशिप सत्र की अध्यक्षता मुकेश अंबानी करेंगे।

 

 

इन देशों के निवेशक ले रहे भाग

इनके अलावा 150 विशेषज्ञ वक्ता आमंत्रित किए गए हैं। जापान, चीन, इटली, जर्मनी, सउदी अरब, साउथ कोरिया से निवेशक आएंगे। इन देशों में राज्य सरकार ने रोड शो भी किया है। ओडिशा को पूर्वी भारत का अग्रदूत के रूप में माना जा रहा है। निकट भविष्य में दो अंकों की वृद्धि दर के आंकड़े को छूकर एक इतिहास रचने की ओर यह राज्य आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार का दावा है कि सरकार की नीतियां उद्योगों के अनुकूल हैं और शासन में पारदर्शिता भी है। सरकार का दावा है कि उद्योगों के अनुकूल ऐसा वातावरण किसी अन्य राज्य में नहीं मिलेगा।


प्रमुख सचिव उद्योग संजीव चोपड़ा कहते हैं कि राज्य सरकार का ध्यान उद्योगों की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचा मुहैया कराना तथा उद्योगों को स्थापित और संचालित करने के लिए एक अनुकूल और प्रतिस्पर्धी आर्थिक तंत्र खड़ा करना है।


उनका कहना है कि राज्य के औद्योगिक विकास के लिए जिन 6 फोकस क्षेत्रों की पहचान की है, शासन का लक्ष्य उन क्षेत्रों में कम से कम 2.5 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करना है। इससे 2025 तक राज्य में 30 लाख नई नौकरियों के अवसर मिल सकते हैं।

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