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ओडिशाः अटल जी के शोक प्रस्ताव पर विस में हुई राजनीति

locationभुवनेश्वरPublished: Sep 04, 2018 08:14:34 pm

विवाद की जड़ बना भाजपा विधायक दल के नेता केवी सिंहदेव का बयान

केवी सिंहदेव

केवी सिंहदेव

(भुवनेश्वर): पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी को शोक श्रृद्धांजलि प्रस्ताव को लेकर ओडिशा विधानसभा के मॉनसून सत्र में विवाद पैदा हो गया। एक मिनट के मौन के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शोक प्रस्ताव रखा। विवाद की जड़ बना भाजपा विधायक दल के नेता केवी सिंहदेव का बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि अटल जी ने ही नवीन पटनायक को पोलिटिकल लांचिंग पैड उपलब्ध कराया था। उनके और भाजपा के कारण ही यह सरकार चल रही है। यह किसी से छिपा नहीं है। स्वर्गीय वाजपेयी द्वारा रखी नींव पर बीजद सरकार चल रही है। देव के इस बयान पर बीजद ने उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि अटलजी की मौत पर भाजपा राजनीति कर रही है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के नर सिंह मिश्र ने भाजपा के सिंहदेव के बयान को सही बताया। शोक पर चर्चा के बाद सदन स्थगित कर दिया गया।

 

शोक प्रस्ताव रखते हुए पटनायक ने पुरानी बातें याद करते हुए कहा कि अटलजी की मृत्यु न केवल राष्ट्र की भारी क्षति है, बल्कि यह उनका भी निजी नुकसान है। उन्होंने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम.करुणानिधि, पूर्व मंत्री जगन्नाथदास महापात्र, पूर्व विधायक सूर्यमणि जेना, बालकृष्ण महंति, मुरलीधर की मौत पर भी शोक संवेदना व्यक्त की। नेता प्रतिपक्ष नरसिंह मिश्र, भाजपा विधायक दल के नेता केवी सिंह देव ने भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। सदन में वाजपेयी को श्रद्धांजलि प्रस्ताव को लेकर भाजपा और बीजद के सदस्यों में नोंकझोंक होने लगी। बीजद विधायक देवाशीष सामंतराय ने भाजपा के केवी सिंहदेव के श्रद्धांजलि पर बयान को राजनीतिक बताया।


सिंह देव ने कहा था कि नवीन पटनायक के राजनीति में आने के दौरान तत्कालीन एनडीए सरकार ने उनकी मदद की थी। स्वर्गीय वाजपेयी की वजह से ही पटनायक आज इस मुकाम पर हैं। उनका कहना है कि ये बातें वह हृदय से कह रहे थे। वाजपेयी और भाजपा के कारण ही नवीन पटनायक सरकार चलाने में सफल रहे। नेता प्रतिपक्ष नरसिंह मिश्र ने कहा कि पटनायक यह भली प्रकार जानते हैं कि उनकी सरकार के गठन और संचालन में भाजपा का क्या योगदान रहा। मिश्र ने कहा कि शोक प्रस्ताव के संदर्भ में ये सब चर्चा नहीं होनी चाहिए। पूरक बजट बुधवार को तथा विधान परिषद का गठन गुरुवार को रखा जाएगा।

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