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Doctors Strike: कोलकाता में दो डाक्टरों पर हमले के विरोध में एम्स भुवनेश्वर में हड़ताल

locationभुवनेश्वरPublished: Jun 14, 2019 09:47:50 pm

Submitted by:

Prateek

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है…

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Doctors Strike: कोलकाता में दो डाक्टरों पर हमले के विरोध में एम्स भुवनेश्वर में हड़ताल

(भुवनेश्वर): कोलकाता में दो डाक्टरों पर जानलेवा हमला के विरोध में ओडिशा एम्स ( Odisha aiims hospital ) के डाक्टरों ने हड़ताल कर दी। हड़ताल के चलते एम्स चिकित्सा सेवाएं लगभग ठप रहीं। गौरतलब है कि इस घटना के विरोध में पूरे देश के डाक्टरों ने प्रोटेस्ट डे ( Doctors Protest Day ) मनाया। काले बिल्ले लगाकर धरना दिया। विरोध करने का आह्वान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( indian medical association ) ने किया था। एम्स भुवनेश्वर के डाक्टरों ने कोलकाता के डाक्टरों पर हमले को कायराना हरकत बताया। हड़ताल का असर दिल्ली में भी बताया जाता है। एम्स भुवनेश्वर भी आज बंद रहा।


बता दें कि पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में जूनियर डॉक्टरों के लगातार चौथे दिन हड़ताल पर रहे। जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। इसके चलते विभिन्न इलाकों में दो शिशुओं समेत ३ मरीजों की मौत हो गई। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) ने डॉक्टरों को मनाने के लिए कोशिश तेज कर दी है। वह शीर्ष डॉक्टरों के पैनल से मुलाकात कर रही हैं। दूसरी ओर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म करने के लिए ममता बनर्जी से बिना शर्त माफी मांगने सहित अपनी छह शर्तें रखी हैं। वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने और डाक्टरों से मुस्लिम मरीजों का इलाज नहीं करने को कहने का आरोप लगाया है। इस बीच, भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है जिसमें 3.5 लाख डॉक्टरों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

 

 

कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई

राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल पर कोलकाता हाईकोर्ट ( kolkata high court ) ने ममता सरकार को फटकार लगाई है। डॉक्टरों की हड़ताल पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ममता सरकार से एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

 

क्या है मामला

दरअसल, 10 जून को नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज ( Neel Ratan government Medical College ) में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं, इसके बाद डॉक्टरों का कहना है कि जब तक परिजन उसे माफी नहीं मांगते तब तक वो प्रमाण पत्र नहीं देंगे। इस मामले में फिर हिंसा भडक़ी और कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया, इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबकि कई और को भी चोटें आईं।

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