हड़ताल के कारण वादकारियों के साथ ही अन्य कामकाज भी ठप हैं। एसोसिएशन के सचिव सत्यब्रत महंति ने यह जानकारी दी। वकील देवी प्रसाद पटनायक की पिटाई करने वाले दो कांस्टेबल और एक हवलदार बिना शर्त माफी मांगें। इन्हें निलंबित भी किया जा चुका था। इस संबंध में पटनायक की याचिका पर सुनवायी करते हुए जस्टिस चितरंजन दास ने पुलिस को निर्देश दिया कि भविष्य में पुलिस और वकीलों में विवाद न हों ऐसी गाइड लाइन्स तैयार की जाएं।
कटक के नुआ बाजार में 28 अगस्त को हुए एक रोड एक्सीडेंट के सिलसिले वकील पटनायक ने पुलिस वालों से बात करनी चाही तो विवाद बढ़ गया और वकील को बुरी तरह पीट दिया गया था। तब से वकील हड़ताल पर थे। पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के बाद हड़ताल वापसी का माहौल बनाया जा रहा था।
बार काउंसिल ने सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी लिखा था। राज्य सरकार पर दोषी पुलिसजनों पर सख्त कार्रवाई के लिए उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव काउंसिल ने दिया था। यही नहीं वकीलों के उच्चस्तरीय संगठनों ने राज्य सरकार की निंदा भी की थी। हड़ताल वापसी के सुप्रमकोर्ट के सुझाव के बाद भी हड़ताल जारी है। यही नहीं वकीलों ने तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा का पुतला तक फूंका था। बीते 78 दिन से हड़ताल जारी थी।