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बांग्लादेशी आतंकी संगठन JMB ने ओडिशा में बनाई पैठ, NIA ने किए कई बड़े खुलासे

locationभुवनेश्वरPublished: Oct 14, 2019 09:49:03 pm

NIA Big Disclosement: जेएमबी (JMB) संगठन 1998 में बनाया गया था और 17 अगस्त 2005 को तब यह संगठन प्रकाश में आया था, जब बांग्लादेश के 63 जिलों में एक साथ 500 बमों का विस्फोट किया था…

बांग्लादेशी आतंकी संगठन JMB ने ओडिशा में बनाई पैठ, NIA ने किए कई बड़े खुलासे

बांग्लादेशी आतंकी संगठन JMB ने ओडिशा में बनाई पैठ, NIA ने किए कई बड़े खुलासे

(भुवनेश्वर/नई दिल्ली): राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (NIA) की मानें तो बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) ने ओडिशा में पैठ बनानी शुरू कर दी है। एनआईए महानिदेशक वाईसी मोदी ने दिल्ली में कहा है कि इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी संगठन के लिए ओडिशा मुफीद हो सकता है। उनके पास इस आतंकी संगठन से जुड़े 125 नाम हैं जिन्हें अन्य खुफिया एजेंसियों से शेयर भी किया जा रहा है। मोदी इसे खुफिया एजेंसी की बड़ी उपलब्धि मानते हैं।


उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी संगठन जेएमबी पर मई 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाया था। यह प्रतिबंध पश्चिम बंगाल से मिली आईबी की रिपोर्ट के आधार पर लगाया गया था। आईबी रिपोर्ट के अनुसार जेएमबी आजकल आईएस के लिए काम कर रहा है। एशियाई मामलों के थिंकटैंक कहे जाने वाले संगठन ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन ने आईबी की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि 2014 से 2017 के बीच जेएमबी और हूजी-बी संगठनों के 3,000 उग्रवादी भारत मे घुसपैठ कर चुके हैं। पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम के रास्ते से ये आए हैं। जेएमबी भारत के पूर्वी क्षेत्र में अपना जाल फैला रहा है।


ओडिशा पुलिस और आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी भारत के राज्यों में खासकर ओडिशा नकली मुद्रा चलन में लाने का प्रमुख अड्डा है। बाहर से यहां नकली मुद्रा लाई जाती है। वर्ष 2008 की बीएसएफ रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय ने तब जेएमबी के स्लीपर सेल्स ओडिशा, असम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में होने की बात कही थी। ये प्रदेश फेक करंसी का बड़ा केंद्र है। एनआई ने ओडिशा समेत छह राज्यों के सुरक्षा बलों को अलर्ट करते हुए कहा है कि जेएमबी और हूजी (हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी) के स्लीपर सेल्स ओडिशा में भी होने की बात कही है। ओडिशा में सुरक्षा और खुफिया तंत्र अलर्ट रहें और इन पर नजर रखें। जेएमबी संगठन 1998 में बनाया गया था और 17 अगस्त 2005 को तब यह संगठन प्रकाश में आया था जब बांग्लादेश के 63 जिलों में एक साथ 500 बमों का विस्फोट किया था।

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