हालांकि उनकी पार्टी के नेता पुरी सांसद पिनाकी मिश्र और भुवनेश्वर से सांसद पटसानी समेत तीन वरिष्ठ सांसदों ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी। इस भेंटवार्ता के बाद राजनीतिक अटकलें लगाई जाने लगी थी कि कांग्रेस नीत गठबंधन यूपीए से चुनाव उपरांत तालमेल की बात बनने की संभावना है, लेकिन बीजेडी नेताओं ने कहा कि महिला आरक्षण के बीजेडी के प्रस्ताव पर राहुल गांधी के सकारात्मक स्टैंड के लिए उन्हें बधाई देने गए थे।
राजनीतिक क्षेत्र के लोग मानते हैं कि नवीन पटनायक कभी भी अपने राजनीतिक पत्ते नहीं खोलते। पहले कहा जा रहा था कि चुनाव बाद पटनायक की पार्टी बीजेडी जरूरत पड़ने एनडी का साथ दे सकती है। पर अब कहा जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर बीजेडी, यूपीए का साथ दे सकती है। इसके पीछे वजह में एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि डा.मनमोहन सिंह की सरकार के दस साल के कार्यकाल में ओडिशा में बीजेडी सरकार को कोई दिक्कत नहीं हुई।
इसी के मुकाबले देखें तो एनडीए के साढ़े चार साल में मोदी सरकार नवीन सरकार के समक्ष मुश्किले खड़ी करती रही जबकि बीजेडी ने मौके-बेमौके एनडीए सरकार का साथ दिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर में मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस से बराबर दूरी बनाए रखने की अपनी पुरानी नीति पर ही कायम रहेगी। चुनाव बाद की रणनीति पर कुछ कहना बहुत जल्दी होगा।