scriptभ्रष्टाचार मामले में आईएएस विनोद कुमार व 6 अन्य को तीन साल की सजा | IAS Vinod Kumar and 6 others sentenced to three years | Patrika News

भ्रष्टाचार मामले में आईएएस विनोद कुमार व 6 अन्य को तीन साल की सजा

locationभुवनेश्वरPublished: Sep 24, 2018 06:40:29 pm

Submitted by:

Prateek

अभियोजन अधिकारी हेमंत कुमार स्वैं ने बताया कि…

ias vinod kumar

ias vinod kumar

(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): विशेष सतर्कता अदालत ने आईएएस अधिकारी विनोद कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई। उन पर एक करोड़ दो लाख रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप है। ओडिशा रूरल हाउसिंग डेवलेपमेंट कारपोरेशन के एमडी के पद पर तैनाती के दौरान उन पर यह आरोप लगा था। इससे पहले भी इस आईएएस को 55 लाख के घोटाले में तीन साल की सजा सुनायी जा चुकी है।


अभियोजन अधिकारी हेमंत कुमार स्वैं ने बताया कि अदालत ने विनोद कुमार और छह अन्य लोगों पर 1.02 करोड़ के घोटाले के आरोप सही पाते हुए तीन साल की सजा सुनाई। इस राशि से फर्जी तौर पर 27 लोगों को फ्लैट आवंटित दिखाए गए थे।


ओडिशा कैडर के आईएएस अफसर विनोद कुमार भ्रष्टाचार के आरोप में तीन साल के लिए झारपड़ा स्पेशल जेल के अंदर कर दिए गए। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट था। यह सजा उन्हें स्पेशल विजिलेंस कोर्ट ने सुनाई। सन 1999 में आए सुपर साइक्लोन के दौरान ओडिशा रूरल हाउसिंग डेवलेपमेंट कारपोरेशन के निदेशक पद पर रहते हुए उन पर राहत एवं पुनर्वासन में सौ करोड़ का घोटाला का मामला प्रकाश में आया था। विनोद कुमार पर सीधे 55 लाख लेने का आरोप साबित हुआ बताया जाता है।


उल्लेखनीय है कि आईएएस विनोद कुमार ने शुक्रवार को भुवनेश्वर स्थित स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला देते हुए कहा कि विनोद कुमार सहित पांच अन्य पर आरोप सही पाया गया। हालांकि उन्हें हाईकोर्ट से 10 जुलाई को स्टे मिल गया था। उनकी गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस ने भुवनेश्वर के नयापल्ली वीआईपी कालोनी में रेड भी डाली थी। उन पर समुद्री तूफान पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वासन के लिए निजी ठेकेदारों और एनजीओ को पैसा देने का आरोप है। इसमें मानकों की खुली अवहेलना किए जाने की बात सामने आई है।


सजा का आदेश स्पेशल जज (विजिलेंस) ने विनोद कुमार, पूर्णचंद्र दास (पूर्व कार्यकारी निदेशक), संजय महंति (पूर्व सहायक प्रबंधक), प्रदीप कुमार राउत ( पूर्व लेखाकार), चितरंजन मलिक (लेखाकार), आशीष नायक सचिव ग्राम्य विकास मंच ( एनजीओ) के लिए किया गया। ये सभी प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट और आईपीसी की धाराओं में दोषी पाए गए। कोर्ट ने कहा कि सरकारी धन की हेराफेरी के आपराधिक षड़यंत्र ये सब लिप्त पाए गए।


इस आर्थिक घोटाले को 2007 में राज्य विजिलेंस ने संज्ञान में लिया था। इस केस की शुरुआती छानबीन विजिलेंस इंसपेक्टर एसके दास ने की थी। आइएएस अफसर विनोद कुमार को भुवनेश्वर झारपड़ा स्पेशल जेल में रखा गया है। आरोपियों पर 25-25 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया गया। इसके अदा न करने पर दो-दो माह तक और जेल में रहेंगे।

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