सो रही थी राज्य सरकार, ऐसे पता चला…
दरअसल राज्य सरकार ( Odisha government ) तब होश में आई जब उसे पता चला कि ई-सिगरेट ( E cigarette ), ई-हुक्का का उपयोग बार, क्लब, पार्टी, होम पार्टी आदि में जमकर प्रयोग किया जा रहा है। इलेक्ट्रानिक सिगरेट, ई-सिगरेट या वाष्पीकृत सिगरेट एक बैटरी चलित उपकरण है, जो निकोटीन या गैर निकोटीन के वाष्पीकृत होने वाले घोल की सांस के साथ सेवन की जाने वाली खुराक प्रदान करता है। यह धूम्रपान वाले उत्पादों का विकल्प कहा जाता है। राजस्थान में 31 मई 2019 को इस प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे ( e cigrette ) 2003 में चीनी फार्मासिस्ट होन लिक ने ईजाद किया था।
ई-सिगरेट के पैरवीकार यह भी जान लें…
ई-सिगरेट ( E Cigarette ) के सेवन को लेकर अक्सर विवाद होता रहा है। इसका सेवन करने वाले एक तरफ जहां इसे सुरक्षित बताते हैं, वहीं डॉक्टरों का कहना है कि अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए व्यक्ति को इससे दूर रहना चाहिए। सिगरेट की पैरवी करने वाले लोग भी इस बात को जानते हैं कि धूम्रपान सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। वक्त के साथ लोगों के बीच ई सिगरेट पीने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। लोगों के बीच यह धारणा है कि ई सिगरेट पीने से सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है और व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है। हाल ही में हुई एक नई स्टडी ने चौकाने वाले कुछ खुलासे किए हैं।
ई-सिगरेट पर क्या कहता है ताजा शोध
यूनिवर्सिटी ऑफ कंस ( University of kansas ) के द्वारा की गई इस स्टडी के मुताबिक ई सिगरेट का सेवन करने से व्यक्ति को डिप्रेशन ( Depression ) होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। इस स्टडी ने उन सभी दावों को खारिज कर दिया, जो इस बात की पैरवी कर रहे थे कि ई सिगरेट का सेवन सेहत के लिए सुरक्षित है। इस स्टडी को व्यापक और सटीक बनाने के लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिका के उन 96,467 लोगों को शामिल किया, जो ई सिगरेट का सेवन करते थे। शोध के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हे हार्ट अटैक से होने वाला खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। ई सिगरेट में निकोटीन की मात्रा ज्यादा होती है और सिगरेट के समान इसमें से भी टाक्सिक कंपाउंड निकलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि निकोटीन के कारण हमारा ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
क्या होती है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर है, जिसमें निकोटीन और अन्य केमिकलयुक्त लिक्विड भरा जाता है। ये इन्हेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है, जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है। लेकिन ई-सिगरेट में जिस लिक्विड को भरा जाता है, वह कई बार निकोटिन होता है और कई बार उससे भी ज्यादा खतरनाक केमिकल। इसलिए ई-सिगरेट ( E-Cigarette ) को सेहत के लिहाज से बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।