महाधिवक्ता ने पत्र में कहा है कि कैजुअल ड्रेस में कोर्ट आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्रेस पर हाईकोर्ट ने एतराज जताया है। उनका यह भी कहना है कि कभी कभी सरकारी लोगों की ड्रेस से एक चिड़चिड़ापन का माहौल सा उत्पन्न हो जाता है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इन लोगों को ड्रेस कोड में होना चाहिए। इस मामले पूर्व डीजीपी संजीव मारिक ने कहा कि ड्रेसकोड लागू किया जाना चाहिए। खासकर पुलिस महकमा और प्रशासनिक अधिकारियों को इसका अनुशरण करना चाहिए।
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि अक्सर देखा गया है कि हलफनामा और जवाबी हलफनामा तक दायर करने में हीलाहवाली की जाती है। कोर्ट की हिदायत के बाद भी काफी विलंब से यह काम किया जाता है। पत्र मिलने के बाद ही राज्य सरकार ने महकमे से समय पर हलफनामे दायर करने को कहा है साथ ही ड्रेस कोड का भी पालन करने को कहा है।