केंद्र को लिखे पत्र में उन्होंने कोर्णाक मंदिर की खूबियां गिनायीं। साथ ही इसका इतिहास बताया। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से नवीन ने पत्र में बताया कि तराशे गए पत्थर टूट रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पुराने पत्थरों के बदले साधारण पत्थर लगा रहा है। रखरखाव का जिम्मा इसी पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्णाक सूर्य मंदिर के क्वालिटी सरंक्षण की जरूरत है। पटनायक ने कोर्णाक के रखरखाव पर जांच की मांग की।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्म्रा को पत्र लिख चुके हैं। तब सूर्य मंदिर में भीषण जलभराव हो गया था। नवीन ने यह भी कहा है कि उनकी सरकार खुद यह कार्य करा सकती है यदि केंद्र सरकार की अनुमति मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में यह कार्य कराया जाए। जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से बरसात का पानी दो-दो दिन तक भरा रहता है। पटनायक ने कहा कि विश्व धरोहर कोर्णाक का सूर्य मंदिर को बचाना प्राथमिकता होनी चाहिेए।