जानकारी के अनुसार विवाद तब शुरू हो गया जब सौम्यरंजन पटनायक के समर्थकों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। यही नहीं जिले की राजनीति में वर्चस्व के लिए सौम्य के समर्थक पूरी तैयारी से थे। हाथों में प्लाकार्ड्स और बैनर तक लिए थे। दोनों ओर से नारेबाजी हाथापाई शुरू हो गई। वरिष्ठ नेताओं ने बीचबचाव करके स्थिति को हिंसात्मक होने से बचा लिया।
सौम्यरंजन के समर्थकों ने बीजेडी के खंडपाड़ा के विधायक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उनकी मांग थी कि विधायक के खिलाफ बीजेडी नेतृत्व जल्द ही कोई सख्त निर्णय लेकर उन्हें पार्टी से बाहर करे। सौम्यरंजन पटनायक के समर्थकों ने तो पदयात्रा के दौरान यहां तक कह दिया कि यदि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो वनमालीपुर पंचायत के लोग बीजेडी को वोट नहीं करेंगे। खंडपाड़ा विधायक के समर्थकों का कहना है कि विधायक के व्यापक समर्थन के कारण भीड़ जुट रही है। इसी से ईर्ष्या रखते हुए सौम्य रंजन पटनायक के समर्थक नाहक माहौल खराब कर रहे हैं।