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महागठबंधन की रैली व किसी भी गठबंधन से दूर रहेगी बीजेडी

locationभुवनेश्वरPublished: Jan 19, 2019 03:48:14 pm

कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेगा रैली का आयोजन किया है,भाजपा विरोधी पार्टियों के नेताओं ने ममता के साथ मंच साझा किया। इसे 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व महागठबंधन की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है।
 

naveen patnaiak

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(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): कोलकाता में गठबंधन की रैली से बीजेडी (बीजू जनता दल) ने पूरी तरह से किनारा कर लिया है। दल के प्रवक्ता का कहना है कि उनकी पार्टी किसी दल और गठबंधन से समान दूरी बनाकर चुनाव लड़ेगी। ओडिशा में बीजेडी का प्रभाव अकेले ही बहुत है। इसलिए न चुनाव पूर्व और न ही चुनाव के बाद किसी भी गठजोड़ में बीजेडी शामिल होगी। हां यदि बीजेडी के बिना केंद्र में सरकार ही बनना संभव न हो पाया तो विचार किया जाएगा कि बीजेडी किसका साथ दे। उनका यह भी कहना है कि बीजेडी को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान की रैली में शामिल होने का न्योता भी नहीं मिला।


राज्य के विकास में अग्रसर बीजेडी— प्रवक्ता

प्रवक्ता प्रताप केसरी देव का कहना है कि बीजेडी अध्यक्ष मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पहले ही अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है। पार्टी बीजेडी और कांग्रेस से समान दूरी बनाकर चलेगी। बीजेडी एक क्षेत्रीय दल है। उसका पूरा फोकस ओडिशा है। इस राज्य विकास के मामले नंबर वन राज्य बनाने की दिशा में सरकार और संगठन अग्रसर है। मालूम हो कि हाल में नवीन पटनायक ने मीडिया से कहा था कि उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी।


कोलकाता में एनडीए सरकार के विरोध में रैली में भाग लेने को एक से एक दिग्गज नेता पहुंचे हैं। रैली की कामयाबी इस साल चुनावी राजनीति की बयार की दिशा का संकेत दे सकती है। नवीन पटनायक और ममता बनर्जी के बेहतर रिश्ते हैं। नवीन की राजनीति का ममता को अंदाजा रहा होगा इसीलिए बीजेडी की रैली में भूमिका को लेकर गठबंधन में चर्चा तक नहीं है। रैली की संयोजक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। घटकों को जोड़ने में उन्होंने काफी मशक्कत की है। बीस पार्टियां रैली में भाग लेंगी।

 

गठबंधन की नहीं कोई दरकार—बीजेडी

बीजेडी के एक अन्य प्रवक्ता का कहना है कि ओडिशा में लोकसभा की 21 में 20 सीटें व विधानसभा की 147 में से 118 बीजेडी के पास,हैं। ऐसे में किसी से गठजोड़ या किसी को समर्थन का क्या मतलब है। केंद्र में जिसकी भी सरकार होगी उस पर बीजेडी दबाव बनाकर राज्य का भला ज्यादा कर सकेगी।

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