उधर आईएएफ ने लापता विमान का पता देने वाले पांच लाख रुपया देने की घोषणा भी कर दी है। उधर लेफ्टीनेंट महंति के पिता रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन सुरेंद्रनाथ महंति ने चीफ ऑफ एयर स्टाफ से मांग की है कि एएन 32 विमान को फेजआउट कर दिया जाए। सुरेंद्र नाथ महंति 33 भी साल तक वायु सेना की सेवा में रहे हैं। एएन 32 को उन्होंने 6 साल तक उड़ाया। उनका कहना है कि 40 साल पुराना विमान आज के युग में नहीं प्रयोग किया जाना चाहिए। वह कहते हैं कि हर समय भाग्य साथ नहीं देता। उन्होंने बताया कि वह चीफ ऑफ एयरस्टाफ से मिले और उनसे कहा कि एएन 32 को विदा करने का वक्त आ गया है। महंति परिवार दिल्ली में रह रहा है। फ्लाइट लेफ्टीनेंट सुनीत महंति के चाचा बल्लभ महंति कहते हैं कि उनके गांव में एएन 32 पर अपडेट के लिए रोज खबर कागज (अखबार) देखे जा रहे हैं।
एएन 32 विमान के तीन जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल की मेनचुका एयरफील्ड के निकट से उसका संपर्क टूट गया। इसमें क्रू मेम्बर समेत 13 लोग थे। विमान को तलाशने के लिए नई से नई तकनीक का प्रयोग कर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बताते हैं कि तीन साल पहले एक एएन 32 विमान 22 जुलाई 2016 को लापता हो गया था। इसमें 29 लोग सवार थे। यह चेन्नइ से पोर्टब्लेयर की ओर जा रहा था। बंगाल की खाड़ी से इसका संपर्क टूट गया था।