सरकार गठन के साथ ही नवीन ने यह घोषणा की किसान उनकी प्राथमिकता में हैं। अब दस हजार रुपया सालाना किसानों और 12 हजार रुपया सालाना भूमिहीन किसानों यानी खेतिहर मजदूरों के लिए देना तय हो चुका है। प्रत्येक तीन साल रकम बढ़ाई भी जा सकती है। इसकी प्रगति कृषिमंत्री देखेंगे और नवीन को रिपोर्ट करेंगे।
मुख्यमंत्री खुद कालिया की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। यह स्कीम बीजेडी के लिए गेम चेंजर साबित हुई है। यह भी बताया जाता है कि राज्य सरकार कालिया आयोग का भी गठन सकती है। एक लाख तक ब्याजमुक्त ऋण और सिंचाई के लिए 50 हजार करोड़ का प्रावधान किया जा सकता है। इस योजना के दायरे में आने वाले किसानों के बच्चों को स्कॉलरशिप भी दी जाएगी।