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ओडिशा में राजनीतिक हलचल का साल रहा 2018,पढिए कैसे बदली राजनीतिक तस्वीरें

locationभुवनेश्वरPublished: Dec 27, 2018 06:00:36 pm

Submitted by:

Prateek

यह कहा जा सकता है कि विदा होते-होते यह साल खासी राजनीतिक सुर्खियां बटोर ले गया…

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(भुवनेश्वर): बीता साल 2018 ओडिशा में राजनीतिक हलचल वाला रहा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा है। बीजेडी और बीजेपी के बीच कभी नरमदिली तो कभी तल्खी दिखी, जबकि कांग्रेस के सामने दोनों पर ही निशाना साधने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह कहा जा सकता है कि विदा होते-होते यह साल खासी राजनीतिक सुर्खियां बटोर ले गया।

 

बैजयंत जय पंडा

 

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बीजेडी से निष्कासित केंद्रपाड़ा के पूर्व सांसद बैजयंत पंडा का पॉलिटिकल चैप्टर क्लोज करने में बीजेडी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यही नहीं उनके बीजेपी में जाने पर भी अड़ंगे लगाए जाते रहे। चाहकर भी वह बीजेपी नहीं जा पा रहे हैं। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए 24 जनवरी को बीजेडी अध्यक्ष मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। बाद उन्हें पार्टी से त्यागपत्र देने के साथ ही लोकसभा सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ा। पंडा ने 12 जून को लोस अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

 

बिजैपुर उपचुनाव

 

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कांग्रेस की परंपरागत विधानसभा सीट बिजैपुर पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने ताकत झोंक दी थी। बीजेडी की भारी अंतर से जीत ने सभी को चौंका दिया। बीजेडी ने दिवंगत विधायक की पत्नी रीता साहू को टिकट देकर खड़ा किया था। बीजेडी को 1,02,871 वोट मिला बीजेपी को 60,938 व कांग्रेस को 10,871 वोट मिले। यह चुनाव फरवरी में हुए थे और रिजल्ट 28 फरवरी को जारी किया गया था। इस चुनाव में पहली बार ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन का उपयोग में लाई गई थी।

 

 

पटनायक बने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में परिवर्तन आया। प्रदेश अध्यक्ष प्रसाद हरिचंदन को हटाने की मुहिम कामयाब रही और निरंजन पटनायक की ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष पद ताजपोशी की गई। निरंजन पटनायक के सगे छोटे भाई सौम्यरंजन पटनायक बीजेडी से राज्यसभा सदस्य हैं। यह फैसला खुद राहुल गांथी ने 19 अप्रैल को लिया था। उनके साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता नव दास, चिरंजीवी बिस्वाल (एमएलए) व पूर्व सांसद प्रदीप माझी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया।

 

 

अपराजिता सारंगी बीजेपी में

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ओडिशा काडर की आईएएस अपराजिता सारंगी ने 50 साल की उम्र में नौकरी से वीआरएस लेकर 27 नवंबर को बीजेपी ज्वाइन कर लिया। उन्होंने अमित शाह के घर पर सदस्यता ग्रहण की। उनकी ज्वाइनिंग में केंद्रीय नेतृत्व का योगदान बताया जाता है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति में उनके आदर्श हैं।

 

दिलीप राय विधायक व विजय महापात्रा ने बीजेपी छोड़ी

राउरकेला से बीजेपी एमएलए दिलीप राय और राष्ट्रीय परिषद के सदस्य विजय महापात्र पार्टी से 30 नवंबर को त्यागपत्र देकर राज्य इकाई को तगड़ा झटका दिया। राय ने अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर प्रदीप कुमार अमात को इस्तीफा सौंपकर विधायकी को भी विदा कह दिया।

 

120+ का मिशन बीजेपी

इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन सभाओं ने मिशन 120+ को कमोबेश मजबूती दी। 26 मई केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा में पार्टी का चेहरा बनकर मजबूती से उभरे। 26 मई को जनकल्याण समावेश, 22 सितंबर को तालचर में फर्टिलाइजर प्लांट का पुनरुत्थान तथा 24 दिसंबर को खोरदा में सभा में मोदी ने कहा भी कि वह ओडिशा बार-बार क्यों आते हैं।

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