गांव वालों का कहना था कि बीयर की फैक्ट्री के लिए पेड़ नहीं कटने देंगे। ये हमारे प्राण वायु हैं। गांव वालों का आरोप है कि आंदोलन खत्म कराने के लिए पुलिस आंदोलनकारियों को प्रताड़ित कर रही है। मारपीट तक करती है। उनका कहना है कि वनों की कटान का हर हाल में विरोध किया जाएगा।
बीयर फैक्ट्री के लिए 12 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी जिसमें पांच एकड़ से ज्यादा में वन क्षेत्र हैं। इसमें महंगी लकड़ियों के पेड़ लगे हैं जिन्हें काटा जा रहा है। शनिवार को सुबह 6 बजे 13 प्लाटून पुलिस के जवान मौके पर जा धमके। वह बेरोक-टोक पेड़ कटवाने के लिए भेजे गए हैं। यह बात पुलिस ने कही भी।
गांव वाले सब कामकाज छोड़कर मौके पर जाकर विरोध करने लगे। सहायक तहसीलदार सुशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग बिल्कुल नहीं किया। उन्होंने खुद मौके पर जाकर हालात का जायजा लेकर रिपोर्ट दी है। हिंसा फैला रहे कुछ लोगों को पुलिस ने जरूर गिरफ्तार किया। सूत्रों के अनुसार 13 ग्रामीण अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं।