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एम्स में दो दिन से जीका वायरस की जांच बंद, आंकड़ों को छिपाने के प्रयास शुरू

locationभोपालPublished: Nov 14, 2018 08:03:53 am

– मुख्यमंत्री ने की समीक्षा, केन्द्रीय सचिव ने किया सर्वे का निरीक्षण
– सात गर्भवती महिलाओं के सेंपल भेजे

zika virus

राजस्थान के बाद अब गुजरात में भी जीका वायरस!

जीका वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है लेकिन इससे निपटने में गंभीरता दिखाने की बजाय इसकी हकीकत को छिपाने और आंकड़ों में बाजीगरी के प्रयास शुरू हो गए हैं। एम्स में जहां दो दिन से जीका वायरस की जांच बंद है वहीं स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया है कि अब कोई भी निजी और शासकीय अस्पताल जीका वायरस के संदिग्धों के सेंपल सीधे एम्स भोपाल को नहीं भेजेंगे।

यह सेंपल सीएमएचओ के पास भेजना होंगे। फिर सीएमएचओ तय करेंगे कि कौन से सेंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बुलाकर जीका वायरस को रोकने के उपायों की समीक्षा की। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर सचिव मनोज झालानी ने भी राजधानी में किए जा रहे सर्वे आदि का निरीक्षण किया।

गांधी मेडिकल कॉलेज की वायरोलोजी लैब शुरू नहीं होने के कारण अभी जीका वायरस की जांच केवल एम्स भोपाल में ही हो रही है। लेकिन एम्स में दो दिन से जांच बंद है। सूत्रों के अनुसार विशेषज्ञ के अवकाश पर होने के कारण जांच नहीं हो पा रही है। इसीलिए दो दिन से जीका पीडि़तों की रिपोर्टिंग भी नहीं हो पा रही है। जबकि जांच के लिए प्रतिदिन ५० से अधिक सेंपल पहुंच रहे हैं।

अब सीएमएचओ के माध्यम से होगी जीका की जांच

स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी निजी या शासकीय अस्पताल खुद ही सीधे एम्स को जीका वायरस के सेंपल नहीं भेजेगा। यह सेंपल पहले सीएमएचओ के पास भेजे जाएंगे। उसके बाद सीएमएचओ यह सेंपल जांच के लिए एम्स भेजेंगे। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि एम्स में जीका की जांच के लिए अनावश्यक सेंपल बढ़ रहे हैं।

एम्स में प्रतिदिन १०० सेंपल की जांच की व्यवस्था है जबकि सीधे अस्पतालों से इससे भी ज्यादा सेंपल पहुंच रहे थे। जिससे रिपोर्टिंग में भी देरी हो रही थी। जबकि जानकार बताते हैं कि अब सीएमएचओ सेंपलों की संख्या को नियंत्रित कर देंगे। इससे मरीजों की संख्या भी स्वत: कम हो जाएगी। इसके साथ आंकड़ों के साथ भी छेड़छाड़ हो सकती है।

सात गर्भवती महिलाओं के सेंपल भेजे

राजधानी में मंगलवार को ७ गर्भवती महिलाओं में जीका के लक्षण मिले। इनका अभी पहला ट्राइमेस्टर ही चल रहा है। विभिन्न शासकीय और निजी अस्पतालों में भर्ती इन महिलाओं के नमूने जांच के लिए एम्स भेजे गए हैं। इसके साथ विदिशा से भी १० संदिग्ध मरीजों के सेंपल जांच के लिए आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा करें हर संभव उपाय

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने व्यस्त चुनावी शिड्यूल में से समय निकालकर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जीका वायरस के रोकथाम के उपायों की समीक्षा की। उन्होंने जीका वायरस को रोकने के लिए सभी उपाय करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जीका वायरस के रोकथाम की कार्य-योजना के क्रियान्वयन की तैयारियों को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिये।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिलों में जीका वायरस की रोकथाम के लिए पर्याप्त ऐहतियाती उपाय किये गये हैं। जिलों में चिकित्सकों के निर्देशन में सर्वेक्षण दलों का गठन किया गया है और प्रारंभिक लक्षणों वाले व्यक्तियों के खून और पेशाब की जाँच की जा रही है।

बैठक में मुख्य सचिव बीपी सिंह, गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास, आयुक्त स्वास्थ्य, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास, आयुक्त जनसंपर्क, आयुक्त नगर निगम, संचालक एनसीडीसी नई दिल्ली एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

खाली क्वार्टरों पर करें फोकस

अपर सचिव भारत शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मनोज झालानी ने मंगलवार को राजधानी के कोलार और बरखेड़ा पठानी क्षेत्रों में मौका निरीक्षण किया। उन्होंने वहां किए जा रहे लार्वा सर्वे और छिड़काव के तरीकों को देखा। उन्होंने सर्वे टीम को खाली पड़े क्वार्टर पर फोकस करने के निर्देश दिए।

इन मकान के मालिकों को भी सफाई कराने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा चूंकि वर्तमान में एक से अधिक शहर में संक्रमण पाया गया है, इस पर नियंत्रण करने की कार्य-योजना की विस्तृत समीक्षा की जा रही है। झालानी ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

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