महिला ने स्वीकार किया कि अपहरण के बाद मासूम को खाने के साथ चींटी मार दवा देकर मार दिया, फिर शव को चार फीट की टंकी में गेहूं के बीच दबा दिया। दो दिन बाद शव को खाली मकान में जला दिया। डीजीपी वीके सिंह मौके पर पहुंचे और इसके एक घंटे बाद आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया।
पुरानी घटना से नहीं ली सीख
इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। अपहरण के बाद पुलिस ने घर और मोहल्ले को छावनी में बदल दिया था। आइजी-डीआइजी, एसपी-एएसपी और क्राइम ब्रांच एएसपी के साथ तकरीबन 200 पुलिसकर्मी बच्चे की तलाश में जुटे थे। मासूम के घर के ठीक सामने आरोपी महिला का घर है।
पुलिस अफसर उसके घर बैठकर दिशा-निर्देश देते रहे, लेकिन महिला के घर में छानबीन नहीं की। अगर पुलिस पिछले महीने कमला नगर में हुई 11 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या की तरह पड़ोस वाले घर की तलाशी लेती तो शायद मासूम बालक बच जाता।
चॉकलेट का लालच देकर किया अपहरण
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि रविवार शाम को उसने वरुण को चॉकलेट का लालच देकर बुलाया। फिर उसे चींटी मारने की दवा खिलाकर मार दिया। हत्या करने के बाद उसने करीब पांच फीट की एक गेहूं की टंकी में वरुण की लाश को बंद कर दिया। बदबू न आए, इसलिए लाश को गेहूं के बीच में दबा दिया।
महिला ने वरुण के परिवार पर चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी कारण उसकी जान ले ली। मंगलवार तड़के करीब तीन-चार बजे के बीच पुलिस का पहरा जैसे ही कमजोर हुआ, शव को ले जाकर पड़ोस में दो साल से बंद पड़े एक मकान के अंदर जला दिया। शव जलाने के लिए कंबल, रूई और कंडे का सहारा लिया।