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गौरतलब है कि 2009 से ही व्यापमं घोटाले की शिकायतें की जा रही थी। कई स्तर पर जांचे हुई। एसटीएफ ने 2014 में विज्ञापन के जरिए व्यापमं घोटाले से जुड़ी शिकायतें आम लोगों से मांगी। इस पर कई शिकायतें एसटीएफ को मिली, लेकिन जांच नहीं हुई। जबकि कई शिकायतकर्ताओं ने बार-बार जांच एजेंसी को कहा कि उनके द्वारा की गई शिकायतों की जांच की जाए और उनके बयान रिकॉर्ड किए जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित होने के कारण जांच नहीं हो पाई। अब राज्य सरकार ने 26 जून 2019 को 197 शिकायतों की जांच करने के आदेश दिए तब चार साल बाद जांच शुरु हुई।
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हर दिन 10-10 शिकायतकर्ताओं को बुलाया जा रहा
पीएमटी परीक्षाओं से संबंधित शिकायतों की जांच भोपाल एसआईटी कर रही है। वहीं, एसआई-आरक्षक भर्ती परीक्षाओं की जांच इंदौर एसआईटी द्वारा की जा रही है। जबकि जेल प्रहरी, फॉरेस्ट गार्ड आदि की भर्ती परीक्षा की जांच ग्वालियर एसआइटी कर रही है। जांच को गति देने के लिए तीनों ही एसआईटी औसतन 10-10 शिकायतकर्ताओं को नोटिस देकर बयान के लिए बुला रही है।
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इन शिकायतों पर आज होंगे बयान
पीएमटी 2006 से 2013 तक परीक्षा, डी-मैट परीक्षा, निजी मेडिकल कॉलेजों में यूजी-पीजी परीक्षा, गांधी मेडिकल कॉलेज, और व्यापमं द्वारा 2011, 2012 व 2013 में करवाई गई अन्य निजी मेडिकल कॉलेजों के दाखिला-परीक्षा को लेकर बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे। वहीं, अब तक शिकायतकर्ता डॉ आनंद राय से 7 शिकायतों और आशीष चतुर्वेदी से भी व्यापमं मामले से जुड़ी शिकायतों पर पूछताछ की जा चुकी हैं। भोपाल एसआईटी द्वारा पीएमटी से संबंधित जांच की जा रही है।
पुष्टि के लिए एसटीएफ ने शिकायतों से संबंधित दस्तावेज भी मांगे हैं। मैंने जो शिकायत की, उससे संबंधित साक्ष्य भी पेश करुंगा। लंबी लड़ाई के बाद जांच शुरु हुई है।
– पारस सकलेचा, शिकायतकर्ता