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व्यापमं से जुड़ी 500 शिकायतें 4 साल से STF-CBI के बीच उलझी, दोनों नहीं कर रहे जांच

locationभोपालPublished: May 29, 2019 07:19:50 am

Submitted by:

Radhyshyam dangi

– 100 शिकायतें तो निजी मेडिकल कॉलेजों से संबंधित, जिलों में भी है करीब 500 शिकायतें, जिनकी नहीं हुई जांच
– अब तक करीब एक हजार शिकायतों की होना हैं जांच, लेकिन चार साल से अटकी है

व्यापमं से फिर परेशान हुए हज़ारों स्टूडेंट, सामने आई लापरवाही

व्यापमं से फिर परेशान हुए हज़ारों स्टूडेंट, सामने आई लापरवाही

राधेश्याम दांगी, भोपाल. व्यापमं और पीएमटी परीक्षा घोटाले से जुड़ी 500 शिकायतें 9 जुलाई 2015 से ही स्पेशल टास्क फोर्स मुख्यालय (एसटीएफ) में बिना जांच के पड़ी हुई है। इनमें से 100 शिकायतें सिर्फ निजी मेडिकल कॉलेजों, उनके संचालकों, डी-मैट, पीएमटी प्रवेश, पोस्ट ग्रेजुएट सीट आदि से जुड़ी हुई है। यही नहीं जिला स्तर पर भी करीब 500 शिकायतें अलग से लंबित पड़ी हुई है, जिनकी जांच न तो सीबीआई कर रहा और न ही एसटीएफ।
दरअसल, व्यापमं से जुड़े प्रकरणों की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दे दिया। लेकिन सीबीआई ने शिकायतों की जांच करने से इंकार कर दिया। अब एसटीएफ भी इन शिकायतों की जांच इसलिए नहीं कर रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर व्यापमं केस सीबीआई के पास है। दोनों ही जांच एजेंसियों द्वारा इन शिकायतों पर जांच नहीं की जा रही है।
इसके कारण जिलों में की गई शिकायतें भी फाइलों में ही दबी हुई है। किसी भी शिकायत पर 9 जुलाई 2015 के बाद न तो जांच हुई और न ही किसी तरह की कार्रवाई। शिकायतों की जांच करने को एसटीएफ तैयार है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों अवहेलना के डर से न कदम आगे नहीं बड़ा पा रहे।
व्यापमं घोटाले पर एसटीएफ में कुल 1355 शिकायतें पहुंची थी। इनमें से 1040 शिकायतों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन होने के कारण जांच नहीं हो पाई। इसके बाद 1040 शिकायतों में से 530 शिकायतों की जांच व कार्रवाई, होना शेष है। एसटीएफ ने 510 शिकायतों को अज्ञात, गुमनाम, अदमपता, परिवर्तित नाम, छदम नाम का बताकर नस्तीबद्ध करने की तैयारी कर ली है।
दोनों एजेंसियों के अपने तर्क

सीबीआई-

सीबीआई का तर्क है कि वह सिर्फ पंजीबद्ध प्रकरणों की ही जांच करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज प्रकरणों की जांच के लिए निर्देश दिये। शिकायतों की जांच करने के नहीं। सीबीआई ने सुप्रमी कोर्ट में भी अपना पक्ष रख दिया कि अमला नहीं होने और काम अधिक होने के कारण श्किायतों की जांच नहीं करेंगे।
एसटीएफ-

सुप्रीम कोर्ट निगरानी कर रहा है। शिकायतों पर स्पष्ट निर्देश नहीं होने से यदि एसटीएफ ने जांच शुरु कर दी तो सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना होगी। जब तक कोर्ट निर्देशित नहीं करेगा जांच शुरु नही होगी।
एसटीएफ ने भी सुप्रमी कोर्ट में अपना पक्ष रखा कि शिकायतों की जांच सीबीआई नहीं कर रही, एसटीएफ को जांच करने की अनुमति दी जाए। लेकिन अभी निर्देश नहीं मिले।

…और इसलिए अटकी है जांच
शिकायतें की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में डॉ आनंद राय, पारस सकलेचा ने याचिका दायर कर रखी है। इस पर सुनवाई होना शेष है। सुनवाई के बाद कोर्ट

तय करेगा कि शिकायतों की जांच सीबीआई करेगा या एसटीएफ।
गंभीर शिकायतें हैं

– 2006 से 15 तक निजी मेडिकल कॉलेज में दाखिला, डी-मैट, स्टेट कोटे की सीटों की शिकायतें।

– पीएमटी घोटाले में छात्रों, अभिभावकों द्वारा की गई शिकायतें।

– प्री-पीजी प्रवेश परीक्षा में धांधली।
– व्यापमं की अन्य परीक्षाओं से संबंधित शिकायतें।

अधिकांश शिकायतों में आरोपी समान है। घटना समान है, इसलिए प्रकरणवार शिकायतों में देखा जा रहा है कि कौन किसमें शामिल है। सीबीआई से सतत संपर्क जारी है। जैसे ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी हम जांच शुरु कर देंगे।
डॉ अशोक अवस्थी, एडीजी एसटीएफ

सीबीआई ठीक से जांच नहीं कर रही। मैंने कोर्ट में भी आवेदन दिया है कि जिन प्रकरणों की जांच सीबीआई नहीं कर रही, उनकी जांच एसटीएफ करें। मेरे बयान तो हो गए, लेकिन शिकायत कोई कार्रवाई नहीं की।
पारस सकलेचा, शिकायतकर्ता

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