जिससे बाघ, तेंदुआ सहित अन्य वन्यप्राणियों को तनाव होता है। दरअसल, वन्यप्राणियों का मुख्य रहवास स्थल कोर क्षेत्र ही है। इसी क्षेत्र में वे वंशवृद्धि भी करते हैं। एनटीसीए के अधिकारियों का मानना है कि ऐसे में वाहनों और लोगों की आवाजाही, विश्रामगृह में वाहनों की आवाजाही के कारण वन्यप्राणियों की दिनचर्या पर असर पड़ता है। इसलिए कोर क्षेत्र में सीमित पर्यटन के साथ पर्यटकों को रोके जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
प्रदेश के सभी पार्कों में कोर क्षेत्र में ठहरने के इंतजाम
मध्य प्रदेश में वर्तमान में छह टाइगर रिजर्व, 10 राष्ट्रीय उद्यान और 24 अभयारण्य हैं। इन सभी में कोर क्षेत्र में पर्यटकों के ठहराने के इंतजाम हैं। इसलिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से शुरू हुआ कोर क्षेत्र में स्थित कक्षों को बंद करने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।