माना जाता है कि गर्मी की छुट्टी मतलब मौज-मस्ती। लेकिन हर समय मौज-मस्ती भविष्य के लिए खतरा बन सकता है। छुट्टी में बच्चे खेलने-कूदने के अतिरिक्त बहुत कुछ कर सकते है जिसमें मनोरंजन के साथ स्किल भी सखने को मिलती है।
इन छुट्टियों में माता-पिता बच्चों की रुचि का ध्यान रखते हुए बच्चों को कुछ ऐसे काम करने दें, जिनसे उनमें नये कौशल पैदा हों, उन्हें इसमें मजा भी आये और उनका चरित्र व आत्मविश्वास को भी बढ़े।
बच्चों को सिखाए ये 10 स्किल
1 – म्यूजिक और डांस : मनोरंजन के साथ बच्चों को म्यूजिक और डांस भी आना चाहिए। इससे बच्चों की प्रतिभा में निखार आता है और उनके मन से हेजिटेशन भी खत्म होता है। आगे चलकर वो मंच पर खड़ें होकर सैकड़ों बच्चों के सामने आपनी बात कह पाएंगे।
2 – वृक्षारोपण : बच्चों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जा सकता है। उनके हाथ से लगाए पौधे और हर दिन उन्हे पानी देना से बच्चों का प्रकृति से भी जुड़ाव होगा। पौधे लगने और उनकी परवरिश करने से बच्चों में दूसरों का ध्यान रखने की आदत बनती है।
3 – सजावट : पुरानी और बेकार की चीजों से बच्चे कुछ उपयोगी वस्तुएं बनाने की कारीगरी भी बच्चे सीख सकते हैं। जैसे की अखबार से लिफाफे और प्लास्टिक के सामान व बोतलों से सजावट की चीजें बनायी जा सकती हैं। इससे बच्चों को जो संतोष और आनंद मिलेगा, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती।
4 – कैलेंडर डिजाइन : मन के विचार और प्रेरक सूक्तियां लिखी हों। कुछ साल पहले मैंने सातवीं क्लास की एक छात्रा के पास ऐसा कैलेंडर देखा था, जो उसने गर्मी की छुट्टियों में बनाया था। वह कैलेंडर दस साल का था। उसने गर्व से बताया था कि वह अपनी पूरी पढ़ाई के दौरान इस कैलेंडर का इस्तेमाल कर सकती है।
5 – पैटिंग क्रियेटिवीटी : गर्मी की छुट्टी में बच्चों के पास पर्याप्त समय होता है। इस समय बच्चों ड्राइंग पेपर या ग्लॉसी पेपर पर बर्थडे कार्ड और अन्य ग्रीटिंग कार्ड बना सकते हैं।
6 – खेल : आजकल बच्चों में स्पोर्ट को लेकर काफी दिलचस्पी होती है। खेल में यदि बच्चे की रूचि है तो खेल में भी करियर बना सकते हैं।
7 – पढ़ना और लिखना : किताबी ज्ञान तो बच्चे स्कूल में सीख जाते हैं। लेकिन उन्हे पढ़ने की आदत डालने के लिए सकारात्मक कहानी, कविता से शुरूवात करनी चाहिए जिससे उनका किताब पढ़ने में मन लग जाता है और आपने विचार लिखने की सोच विकसित होती है।
8 – लैंग्वेज : बच्चों को इस उम्र में अन्य भाषाओं के बारे में भी सिखाया जा सकता है। हिन्दी, इंग्लिश के साथ अन्य भाषाओं का थोड़ा ज्ञान जरूरी है। जो उन्हे भविष्य अन्य बच्चों से आगे कर सकता है।
9 – कंप्यूटर स्किल : आजकल बच्चे कंप्यूटर का मतलब गेम समझ बैठते है। लेकिन नहीं उन्हें कंप्यूटर पर पेंटिग, टाइपिंग और लिखना-पढ़ना का स्किल दिया जा सकता है। बच्चे वैसे तो टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट होते है लेकिन फिर भी कंप्यूटर एक जटिल डिवाइस है जिसे सीखना जरूरी है।
10 – कूकिंग : बच्चों को खाना बनाने का खेल पसंद होता है। इस दौरान माता-पिता थोड़ी सी मदद कर बच्चे को कूकिंग स्किल दे सकती हैं। लेकिन इसके साथ बच्चों को सावधानियों के बारें में जानकारी दें। ताकि कोई हादसा होने से पहले सतर्क हो जाए और आगजनी की घटना भी न हो।
गर्मी की छुट्टी में बच्चों को ऐसी कई स्किल सिखायी जा सकती है। जो बच्चों को भविष्य काम आता है। और बच्चें अन्य बच्चों के मुकाबले चार कदम आगे चलते है। बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। और समाज के प्रति उनका नजरिया बनता है। कहानी, थियेटर और वर्कशॉप से बच्चों में रचनात्मकता आती है। ये कलाएं मानवीय गुण पैदा करने वाली भी हैं। इनसे बच्चों में एक नैसर्गिक प्रतिभा तो विकसित होती ही है, बाद में वे उन्हें करियर के रूप में आजमा सकते हैं।