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इस चीज को घर में रखने से खुल जाते हैं बंद किस्मत के दरवाजे, होने लगता है तेजी से धन लाभ!

locationभोपालPublished: Nov 19, 2018 06:36:47 pm

बंद किस्मत के रातों रात खुल जाएंगे दरवाजे होगी पैसों की बरसात…

tips to open luck

इस चीज को घर में रखने से खुल जाते हैं बंद किस्मत के दरवाजे, होने लगता है तेजी से धन लाभ!

भोपाल। अपने भविष्य से लेकर अपने सोए भाग्य को जगाने के लिए लोग जाने क्या क्या नहीं करते हैं। इसके लिए ज्योतिषों के चक्कर लगाना, या तमाम तरह के कार्य करना आज के दौर में आम बात सी हो गई है।
दरअसल ये अधिकांश क्रियाएं किसी परेशानी से मुक्ति या धन की चाहत में की जातीं हैं। इसके अलावा कई ज्योतिष के जानकारों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को किसी ग्रह से परेशानियां हो रही हों तो भी इस चीज के सही इस्तेमाल से उसे ठीक किया जा सकता है।
इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि कुछ ऐसे सरल तरीके भी हैं, जिनसे आप आसानी से अपनी सोई किस्मत को जगाने के अलावा तेजी से धन लाभ भी पा सकते हैं।

पंडित शर्मा के अनुसार मोर पंख को एक विशेष तरीके से रखने पर जहां घरों से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। वहीं सोई किस्मत जागने के साथ ही घर में एकाएक पैसा आना भी शुरू हो जाता है।
जानकारों का कहना है कि मोरपंख घर में किसी भी नेगेटिव एनर्जी का प्रवेश नहीं होने देता। इसके साथ ही मोर पंख आपकी किस्मत खोल सकता है, जिसके बाद आपको धन लाभ भी होगा।
ये है खासियत…
जानकारों की माने तो मोर पंख को मां लक्ष्मी से भी जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि मोर पंख धन को आकर्षित करता है और लोग इसे अपने घर की तिजोरी में रखते हैं।
इसके अलावा घर से किसी भी तरह की नेगेटिव एनर्जी और वास्तु दोष दूर करने में मोर पंख बहुत प्रभावशाली होता है। इसलिए घर में मोरपंख रखना अच्छा माना जाता है।

पंडित शर्मा कहते हैं कि बेडरूम के अग्नि कोण में मोर की तस्वीर लगाने से पति-पत्नी के बीच प्यार बना रहता है। इसके अलावा बेडरूम में मोर की तस्वीर, शोपीस और मोरपंख को ठीक दरवाजे के सामने लगाना चाहिए, जिससे नेगेटिव एनर्जी दरवाजे से ही बाहर चली जाए।
इसके साथ ही मोर पंख को घर में ऐसी जगह पर ही रखना चाहिए जहां से इसे सभी देख सकें। इससे घर का माहौल अच्छा हो जाता है।


ये हैं कुछ आश्चर्यजनक फायदे…
माना जाता है कि मोर किसी भी स्थान को बुरी शक्तियों और प्रतिकूल चीजों के प्रभाव से बचाकर रखता है। यही वजह है कि कई लोग अपने घरों में मोर के खूबसूरत पंखों को लगाते हैं।
1 . मोर पंख के संबंध में माना जाता है कि मोर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सबसे प्रभावशाली है।

2. मोर पंख को शुभ चिन्ह के रूप में माना जाता है।
3. वहीं ग्रीक में लोग मोर के पंखों को स्वर्ग और सितारों की निगाहों के साथ जोड़ते हैं।

5. हिंदूधर्म में मोर को धन की देवी लक्ष्मी और विद्या की देवी सरस्वती के साथ जोड़कर देखा जाता है।
6 . लक्ष्मी सौभाग्य, खुशहाली और धन धान्य व संपन्नता के लिए पूजी जाती हैं। मोर के पंखों का प्रयोग लक्ष्मी की इन्हीं विशेषताओं को हासिल करने के लिए किया जाता है। मोर पंख को बांसुरी के साथ घर में रखने से रिश्तों में प्रेम रस घुल जाता है।
7. इसके अलावा बौद्ध धर्म के अनुसार मोर के पंख विचारों और मान्यताओं में खुलेपन का ही प्रतीक माने जाते हैं।

9. ईसाई धर्म में मोर के पंख, अमरता, पुनर्जीवन और अध्यात्मिक शिक्षा से संबंध रखते हैं।
10. इस्लाम धर्म में मोर के खूबसूरत पंख जन्नत के दरवाजे के बाहर अद्भुत शाही बगीचे का प्रतीक माने जाते हैं।

वही ये भी माना जाता है घरों में मोरपंख रखने से कीड़े-मकोड़े घर में दाखिल नहीं होते।
दूर होते हैं हर ग्रह के दोष …
हिन्दूधर्म में मोर के पंखों का विशेष महत्व माना जाता है। इसके अनुसार मोर के पंखों में सभी देवी-देवताओं और सभी नौ ग्रहों का वास होता है। इस संबंध में धर्म ग्रंथों के अनुसार …
भगवान शिव ने मां पार्वती को पक्षी शास्त्र में वर्णित मोर के महत्व के बारे में बताया है। प्राचीन काल में संध्या नाम का एक असुर हुआ था। वह बहुत शक्तिशाली और तपस्वी असुर था। गुरु शुक्राचार्य के कारण संध्या देवताओं का शत्रु बन गया था।
संध्या असुर ने कठोर तप कर शिवजी और ब्रह्मा को प्रसन्न कर लिया था। ब्रह्माजी और शिवजी प्रसन्न हो गए तो असुर ने कई शक्तियां वरदान के रूप में प्राप्त की। शक्तियों के कारण संध्या बहुत शक्तिशाली हो गया था।
शक्तिशाली संध्या भगवान विष्णु के भक्तों का सताने लगा था। असुर ने स्वर्ग पर भी आधिपत्य कर लिया था, देवताओं को बंदी बना लिया था। जब किसी भी तरह देवता संध्या को जीत नहीं पा रहे थे, तब उन्होंने एक योजना बनाई।

योजना के अनुसार सभी देवता और सभी नौ ग्रह एक मोर के पंखों में विराजित हो गए। अब वह मोर बहुत शक्तिशाली हो गया था। मोर ने विशाल रूप धारण किया और संध्या असुर का वध कर दिया। तभी से मोर को भी पूजनीय और पवित्र माना जाने लगा।
कुछ खास ज्योतिषीय उपाय और महत्व…
ज्योतिष शास्त्र में भी मोर के पंखों का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि कुंडली के सभी नौ ग्रहों के दोष भी शांत होते हैं।

1. शनि के लिए : शनि ग्रह से परेशान जातक शनिवार को तीन मोर पंख ले कर आएं। पंख के नीचे काले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ तीन सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें-
ॐ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।

तीन मिटटी के दीपक तेल सहित शनि देवता को अर्पित करें।
गुलाब जामुन या प्रसाद बना कर चढ़ाएं। इससे शनि संबंधी दोष दूर होता है।

2. मंगल के लिए : कुंडली में मंगल दोष होने पर मंगलवार को सात मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे लाल रंग का धागा बांध लेँ। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ सात सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें…
ॐ भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।

पीपल के दो पत्तों पर चावल रखकर मंगल ग्रह को अर्पित करें। बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।

3. चंद्र के लिए : चंद्र दोष होने पर सोमवार को आठ मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे सफेद रंग का धागा बांध लें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ आठ सुपारियां भी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ॐ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।

पान के पांच पत्ते चंद्रमा को अर्पित करें। बर्फी का प्रसाद चढ़ाएं।

4. बुध के लिए : बुध संबंधी समस्या होने पर बुधवार को छ: मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे हरे रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ छ: सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ॐ बुधाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।

जामुन बुध ग्रह को अर्पित करें।
साथ ही केले के पत्ते पर रखकर मीठी रोटी का प्रसाद चढ़ाएं।

5. सूर्य के लिए : सूर्य से जुड़ी समस्या के निवारण के लिए रविवार के दिन नौ मोर पंख लेकर आएं और पंख के नीचे मैरून रंग का धागा बांध लें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ नौ सुपारियां रखें, गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ॐ सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।
इसके बाद दो नारियल सूर्य भगवान को अर्पित करें।

6. गुरु के लिए : देवगुरु के उपाय के तहत गुरुवार को पांच मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे पीले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ पांच सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ॐ बृहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।
ग्यारह केले बृहस्पति देवता को अर्पित करें।

बेसन का प्रसाद बनाकर गुरु ग्रह को चढ़ाएं।

7. शुक्र के लिए : शुक्र के द्वारा बुरा असर देने पर शुक्रवार को चार मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे गुलाबी रंग का धागा बांध लेँ। एक थाली में पंखों के साथ चार सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ॐ शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।

तीन मीठे पान शुक्र देवता को अर्पित करें।
गुड़-चने का प्रसाद बना कर चढ़ाएं।

8. राहु के लिए : राहू दोष होने पर शनिवार को सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे भूरे रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें…
ॐ राहवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।

चौमुखा दीपक जलाकर राहु को अर्पित करें।

कोई भी मीठा प्रसाद बनाकर चढ़ाएं।

9. केतु के लिए : केतु का दौष उत्पन्न होने पर शनिवार को सूर्य अस्त होने के बाद एक मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे स्लेटी रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंख के साथ एक सुपारी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ॐ केतवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:।


पानी के दो कलश भरकर राहु को अर्पित करें।

साथ ही फलों का प्रसाद चढ़ाएं।

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