बताया गया कि नबाब सुल्तान जहां बेगम ने शहर में स्वास्थ और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरूआत की थी। इसके पहले यूनानी, हकीमी और आयुर्वेदिक उपचार ही शहर में होते थे। इस भवन को शहर में स्वास्थ्य की कांति के रूप में देखा जाता है।
शासन ने हमीदिया अस्पताल के विस्तार के लिए परिसर के पुराने अधिकांश हिस्से को तोड़ दिया है,लेकिन जिस भवन में यह घड़ी लगी है। उसे शहर की धरोहर मानते हुए सुरक्षित रखा गया है। वैसे तो मोबाइल के दौर में लोग अब हाथों में भी घड़ी कम पहनते हैं,लेकिन प्रबंधन अब भी चाहता है कि यह घड़ी फिर से चालू हो जाएं।
-शहर का पहला अस्पताल
लोगों का कहना है कि हमीदिया अस्पताल की घड़ी पहले पुराने शहर के लोगों को छतों पर से दिखाई देती थी। अब इसके ही दोनों ओर १५ मंजिला अस्पातल के भवन बनने के बाद अब यह दिखाई नहीं देता है। इस भवन का कलर और शैली सेंट्रल लाइब्रेरी भवन की तरह ही लाल कलर में है। इसके स्वरुप को बदला नहीं गया है। लोगों का कहना है कि भोपाल पहले अस्पताल के रूप में लोग इसे आज भी बाहर से इसकी बनावट को देखने के लिए आते हैं। वर्तमान में इसमें अस्पातल का ब्लड बैंक चलता है।