अधिक खून बहना
गर्भावस्था के आखिरी दौर में अधिक सावधानी की जरूरत होती है। इस दौर में मिलने वाले इन संकेतों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान हल्का-फुल्का खून कोई बात नहीं लेकिन अगर अधिक ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। इसे साधारण नहीं लेना चाहिए। अधिक ब्लीडिंग गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए जोखिमपूर्ण होती है। इस संकेत को नजरअंदाज न करें। समय रहते इसकी चिकित्सा लेकर इस परेशानी से निजात पा सकते हैं, अन्यथा यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
तरल पदार्थ
गर्भ में एम्नीऑटिक तरल पदार्थ से बच्चा लिपटा रहता है। यह उसके लिए एक तरह से सुरक्षा कवच होता है। कभी-कभी यह तरल पदार्थ का घेरा टूट जाता है और यह तरल पदार्थ बाहर आने लगता है। अगर आपको बाहर की तरफ अधिक पानी आने का अहसास हो गया तो तत्काल सावचेत होने की जरूरत है। क्योंकि यह स्थिति गर्भस्थ और गर्भवती महिला दोनों के लिए काफी जोखिमपूर्ण होती है। इससे महिलाओं में खतरनाक संक्रमण होने का खतरा बन जाता है। यही नहीं, बल्कि इससे बच्चे की मृत्यु अथवा समय पूर्व बच्चा होने का अंदेशा बढ़ जाता है। इसमें सावधानी जरूरी है।
शुगर कम-अधिक है तो
कई महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज का रोग उभरकर सामने आता है। ऐसे में शरीर में शुगर की मात्रा को जानना और उसको नियंत्रित रखना बेहद जरूरी होता है। निर्धारित इंसुलिन का इस्तेमाल आवश्यक होता है। मधुमेह पीडि़त गर्भवती महिला के लिए यह अवस्था अधिक चुनौतीपूर्ण होती है। शुगर मां और बच्चे दोनों के लिए जटिलताएं पैदा कर सकती हैं। शुगर संबंधी मामले में डॉक्टर से बराबर परामर्श लेते रहें।
गंभीर पेट दर्द
गर्भावस्था के दौरान थोड़ा-बहुत पेट दर्द गर्भवती महिलाओं को होता रहता है। इसकी वजह मांसपेशियों में खिंचाव भी हो सकता है। लेकिन अगर गर्भवती महिला बहुत तेज पेट दर्द महसूस करती है तो इस दर्द को अन्य दर्द की तरह सामान्य दर्द की तरह नहीं लेना चाहिए। तेज दर्द का कारण गर्भाशय का टूटना भी हो सकता है और यह स्थिति गर्भस्थ शिशु और गर्भवती के लिए जानलेवा भी हो सकती है।