scriptस्वर्ग में इन्द्र का सिंहासन खाली, जो भी जाएगा वो राजा बनेगा | The throne of Indra is empty in heaven, whatever it will be the king | Patrika News

स्वर्ग में इन्द्र का सिंहासन खाली, जो भी जाएगा वो राजा बनेगा

locationभोपालPublished: Feb 16, 2019 07:45:45 am

Submitted by:

hitesh sharma

अभिनयन में हुआ नाटक ‘हरिश्चन्द्र के चौपट राजा’ का प्रदर्शन

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भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में नवीन रंगप्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक शृंखला अभिनयन में शुक्रवार को विनोद कुमार मिश्रा के निर्देशन में नाटक ‘हरिश्चन्द्र के चौपट राजा’ का मंचन संग्रहालय सभागार में हुआ। नाटक के केन्द्र में एक गुरु और उसके दो शिष्य हैं, जिनका नाम गोबर्धन दास और नारायण दास है। गुरु अपने शिष्यों के साथ एक नगर में जाते हैं, जहां बहुत अंधेर मची होती है। इस नगर में सभी वस्तुएं टके सेर में मिलती हैं और यहां बहुत अराजकता है।

 

गुरु अपने शिष्यों से कहते हैं कि चलो यहां से यहां कोई बुद्धिमान नहीं है। परन्तु गोबर्धन दास कहता है कि मैं यहीं रहूंगा, इससे अच्छा स्थान दुनिया में कहीं हो ही नहीं सकता। गुरु नारायण दास को साथ लेकर उस नगर से चले जाते है और जाते-जाते गोबर्धन दास से कहते है कि यदि कोई मुसीबत हो तो याद करना हमें हम आ जाएंगे। गोबर्धन दास कई दिनों तक उस नगर में खुशहाली के साथ रहता है। एक दिन राजा के राजा के दरबार में बकरी मरने का एक मुकदमा आता है। उस मुकदमे में कोतवाल को फांसी की सजा सुनाई जाती है।
स्वर्ग का राजा बनने का देता है झांसा

मंत्री अपने बुद्धि बल से गोबर्धन को फंसा देता है, फिर गोबर्धन अपने गुरु को याद करता है। गुरु नारायण दास को लेकर आते हैं और राजा से कहते है कि स्वर्ग में इंद्र का सिंघासन खाली है। जो भी पहले जाएगा, वह स्वर्ग का राजा बनेगा। गुरु की यह युक्ति सुनकर राजा स्वयं के स्वर्ग जाने की बात कहता और गोबर्धन दास को छोड़ देता है। इसी के साथ नाटक का अंत होता है। इस नाटक के माध्यम से कलाकारों ने दर्शकों को संदेश दिया कि सदा ही बुद्धिमान व्यक्तियों के साथ रहना चाहिए, क्योंकि मूर्खों के साथ रहने से हम कभी सुरक्षित नहीं रह सकते और मुर्ख व्यक्ति हमें पता नहीं कब किस मुसीबत में फंसा दे।
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