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काला कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे सवर्ण, लगाए SC/ST कानून वापस लो के नारे

locationभोपालPublished: Sep 20, 2018 01:24:39 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

sc/st atrocities act protests – काला कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे सवर्ण, लगाए SC/ST कानून वापस लो के नारे

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काला कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे सवर्ण, लगाए SC/ST कानून वापस लो के नारे

 

भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी में एक बार फिर एससी एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में सवर्ण समाज का विरोध तेज हो गया। सवर्ण समाज अब काला कानून में सुधार करने के लिए जगह-जगह प्रदर्शन कर रही है। गुरुवार को सवर्ण समाज के लोगों ने बीजेपी दफ्तर के गेट के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं को काले झंडे दिखाये।

वहीं हबीबगंज स्टेशन के पास भी सवर्ण समाज के लोगों ने काले झंडे दिखा कर, “काला कानून वापस लो.. एससी एसटी कानून वापस लो” के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यालय गेट पर विरोध करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर उन्हे रोकने का प्रयास कर रही है।

बीजेपी विधायक ने दिया विवादित बयान

सवर्ण आंदोलन को लेकर बीजेपी विधायक मोहन यादव ने गुरुवार को विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि सवर्ण आंदोलन के पीछे विदेशी फंडिंग की जा रही है। सिमी और इस्लामिक कट्टरपंथी हिन्दू समाज को खण्ड-खण्ड करने की साजिश रच रहे हैं। सिलिकॉन वैली से भी फंडिंग हो रही है। सवर्ण आंदोलन पर समूचे हिन्दू समाज को लेकर सोचना होगा।

बात दें कि हाल ही में एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद कर विरोध प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद से अब इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों में जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू हो गयी है। इधर, मध्य प्रदेश के सतना में एससी-एसटी एक्ट संशोधन के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को काले झंडे दिखाने को लेकर सवर्ण समाज और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई।

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सरकारी के खिलाफ नारेबाजी

एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली। लोगों ने केन्द्र सरकार के फैसले की निंदा करते हुए मोदी सरकारी के खिलाफ नारेबाजी की और इस कानून को वापस लेने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देने का फैसला भी ले लिया है। संगठनों ने चेतावनी दी है कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। अब तक विरोध प्रदर्शन में सवर्ण और राजपूतों का साथ मिल रहा था लेकिन अब कई अन्य पार्टियां भी इनके साल मिलकर विरोध प्रदर्शन कर रही है।

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