वर्ष 2016-17, 2017-18 में इन स्टेशन को बताकर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में काफी नंबर पाए थे। ऐसे में राजधानी को पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाने की कवायद धूमिल होने के साथ वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।
सर्वे टीम को कागजी योजनाएं दिखाई गईं
कचरा ट्रांसफर स्टेशन की बातें दूसरे स्वच्छता सर्वेक्षण से शुरू हो गई थीं। सर्वे टीम और ऑब्जर्वर को जगह व कागजी योजनाएं दिखाई गईं। दो साल से उन्हें कभी जमीन, कभी कुछ निर्माण और बीते सर्वे में शाहजहांनी पार्क की कंपोस्ट यूनिट दिखाई थी। इसके नंबर निगम को मिले, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ।
ये होना था
– पूरी तरह से कवर्ड करने की व्यवस्था
– अंडरग्राउंड कॉम्पेक्टर, ताकि कचरा इसमें डाला जाए और कंप्रेस हो जाए
– कंपोस्ट यूनिट, ताकि कचरे को अलग कर ग्रीन वेस्ट से यहां कंपोस्ट बना दी जाए
यह था उद्देश्य
कचरे को कॉम्पेक्ट तरीके से कचरा खंती तक ले जाया जाए, ताकि कचरा परिवहन में डीजल व अन्य खर्च घटे। यदि सभी स्टेशन तैयार होकर शुरू होते तो 30 फीसदी तक खर्च कम हो जाता।
8 जगह तय किए हुए हैं ट्रांसफर स्टेशन
शाहजहांनी पार्क, भदभदा आइआइएफएम के सामने, बावडिय़ा कलां दाना-
पानी के पास, बैरागढ़, टीटी नगर, झागरिया, डीआईजी बंगला, आरिफ नगर कोकता में।
इन्हें कराना है समय पर काम
काम समय सीमा में पूरा कराकर आदमपुर खंती तक कचरे का परिवहन कराने का जिम्मा अपर आयुक्त स्वास्थ्य मयंक वर्मा का है। निगमायुक्त विजय दत्ता स्टेशन समेत सफाई मामले में निरीक्षण कर रहे हैं। उनका कहना है कि जल्द स्टेशन तैयार कर शर्तों के अनुसार काम किया जाएगा।
ये है स्थिति
– डीआईजी बंगला में मुख्यमार्ग पर ही ट्रांसफ र स्टेशन है। यहां गंदगी जमा है और आसपास के क्षेत्र में कचरे की बदबू रहती है।
– भदभदा में आइआइएफएम के सामने वाले भाग में भी यही हाल है। यहां से गुजरना
मुश्किल है।
– आरिफ नगर के ट्रांसफर स्टेशन के सामने से टीला जमालपुरा, काजी कैंप और आसपास के क्षेत्र के 40 हजार से अधिक लोग गुजरते हैं। यहां बदबू बनी रहती है। रहवासी इसका विरोध भी कर रहे हैं।
– बावडिय़ा कलां क्षेत्र में रेलवे क्रॉसिंग दानापानी के पास तो 2017 में कांपेक्टर का डेमो भी किया गया था। बावजूद इसके स्थिति नहीं सुधरी। खुले में कचरा दिक्कत दे रहा है।